राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद विपक्ष ने की कृषि कानूनों को तुरंत रद्द करने की मांग

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद विपक्ष ने की कृषि कानूनों को तुरंत रद्द करने की मांग

नई दिल्ली। किसानो की मांगो के समर्थन में आज विपक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी , एनसीपी प्रमुख शरद पवार और वामपंथी नेता नेता सीताराम येचुरी और डी राजा के साथ ही विपक्ष के अन्‍य नेता भी शामिल थे।

राष्ट्रपति भवन से बाहर आने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने मीडिया से बातचीत में सरकार से कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग की। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश का किसान समझ गया है कि मोदी सरकार ने उन्हें धोखा दिया है और अब वो पीछे नहीं हटने वाला क्योंकि वो जानता है कि अगर आज समझौता कर लिया तो उसका भविष्य नहीं बचेगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून उनके हित में नहीं है। इन बिलों को संसद में बिना चर्चा के असंवैधानिक तौर पर पास कराया गया है। उन्‍होंने कहा कि जिस तरह से कृषि विधेयक पारित किए गए, हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि ” कृषि बिलों की गहन चर्चा के लिए सभी विपक्षी दलों ने एक अनुरोध किया था और कहा था कि इसे सलेक्‍ट कमेटी के पास भेजा जाए लेकिन दुर्भाग्‍य से इस सुझाव को स्‍वीकार नहीं किया गया और बिलों को जल्‍दबाजी में पारित कर दिया गया।”

वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है। हम कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को रद्द करने के लिए कह रहे हैं, जिसे लोकतांत्रिक तरीका अपनाए बिना पारित किया गया। उन्होंने कहा कि 25 से अधिक विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के प्रति अपना समर्थन दिया है। ये कानून भारत के हित में नहीं हैं और इससे हमारी खाद्य सुरक्षा को भी खतरा है।

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TeamDigital