पहले चुनाव फिर राज्य का दर्जा: सरकार के फॉर्मूले से सहमत नहीं विपक्ष
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर मामलो को लेकर गुरूवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद अब जम्मू कश्मीर से जुड़े राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। विपक्ष सरकार के उस फॉर्मूले से सहमत नहीं है जिसमे पहले जम्मू कश्मीर में चुनाव कराये जाएंगे, उसके बाद उसे राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें वहां अलायंस के तौर पर नहीं बुलाया गया था। अगर बुलाया गया होता तो अलायंस की तरफ से एक को ही बुलाया गया होता। वहां पार्टीयों को दावत दी गई। गुपकार अलायंस के सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में हमने कोई ऐसी बात नहीं की जो अलायंस के एजेंडा के बाहर हो।
उन्होंने कहा कि वहां किसी ने प्रधानमंत्री से नहीं कहा कि हम 5 अगस्त कबूल करते हैं। हमने कहा कि हम इससे नाराज हैं। प्रधानमंत्री से महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला ने साफ कहा कि BJP को 370 हटाने का एजेंडा कामयाब कराने में 70 साल लगे। हमें 70 महीने लगेंगे तो भी हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने हम सबकी तरफ से वहां बात की और कहा कि हम ये टाइमलाइन नहीं मानते हैं। डिलिमिटेशेन, चुनाव और राज्य का दर्जा नहीं। पहले डिलिमिटेशन फिर राज्य का दर्जा फिर चुनाव। चुनाव कराना ही है तो पहले राज्य का दर्जा लौटा दीजिए। उसके बाद हम चुनाव पर बात करेंगे।
वहीँ जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने बैठक को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात बहुत अच्छी रही। सभी पार्टियों ने अपनी बात उनके सामने रखा। उनकी तरफ से ये पहला कदम था कि किसी भी तरीके से जम्मू-कश्मीर के हालात बेहतर बनाए जाएं और एक सियासी दौर शुरू किया जाए। जब तक मैं अपनी जमात से बात नहीं कर लेता कुछ कह नहीं सकता।