पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह ने कहा ‘सीएए के खिलाफ आगे आएं देश के प्रभुत्व नागरिक’
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने कहा है कि सीएए के खिलाफ देश के प्रभुत्व नागरिको को आगे आना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार की किताब ‘ह्यूमन डिग्निटी- अ परपज इन परपेच्युटी’ के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए दो बार के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मौलिक स्वतंत्रता खतरे में थी, तो हमारे उदार व उन्मुक्त लोकतंत्र की संस्थाओं की कई मौकों पर परीक्षा ली गई।
डा मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय उदार लोकतंत्र की संस्थाओं को मजबूत करने और खुद को संविधान की रक्षा में शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हाल ही में युवाओं ने देश को याद दिलाया कि देश की आजादी प्रबुद्ध नागरिकों के हाथ में ही सुरक्षित है। यह भी तभी होगा, जब यह (आजादी) सभी के लिए समान हो।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की इन संस्थाओं का विकास सालों में हुआ है और इन्हें मजबूत करने व संविधान के बचाव में खुद को खड़ा करने की जरूरत है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वास्तव में आजादी का विचार हमारे लोगों के जीवन में तभी आकार ले सकता है, जब कानून के तहत वे सभी समान नागरिक की तरह जीएं।
उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जब देश की संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र मजबूत करने के लिए हमे संविधान की रक्षा के लिए आगे आना पड़ेगा।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इतना ही नहीं नागरिकता कानून के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीमकोर्ट में 60 से अधिक जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर 22 जनवरी को सुनवाई होनी है।
नागरिकता कानून के खिलाफ जोर पकड़ रहे आंदोलन के बीच दिल्ली के शाहीन बाग़ से लेकर पटना के सब्ज़ी बाजार तक कई जगह अनिश्चितकालीन धरने भी चल रहे हैं। केरल और पंजाब की विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव भी पार्टी हो चूका है।