कमलनाथ बोले: भारत को दुनिया में बदनामी के कगार पर खड़ा करने वाले देश से माफ़ी मांगें
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर कोरोना महामारी को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। कमलनाथ ने कहा कि भारत को दुनिया में बदनामी के कगार पर खड़ा करने वाले देश से माफ़ी मांगें।
एक सवाल के जबाव में कमलनाथ ने कहा कि भारत महान नहीं, भारत बदनाम है। सब देशों ने रोक लगाई है कि भारत के लोग नहीं आ सकते। कमलनाथ ने कहा कि भारत को बदनामी के कगार पर खड़ा करने वाले इस देश से माफ़ी मांगें।
एक पत्रकार ने कमलनाथ से सवाल पूछा की ये जो छवि बिगड़ी हुई है, इसकी भरपाई कौन करेगा? इसपर कमलनाथ ने कहा कि मैं तो कह रहा हूं कि छवि इतनी बिगड़ी हुई है कि भारत महान नहीं, भारत बदमान हैं।
कमलनाथ ने कहा कि मैंने तो उस दिन उज्जैन में कहा था कि जो भारतीय लोग बाहर विदेशों में टैक्सी चलाते हैं, मुझे किसी ने न्यूयॉर्क से फोन करके बताया कि जो भारत के लोग टैक्सी चलाते हैं, उनकी टैक्सी में कोई नहीं बैठ रहा। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आपने ऐसे बदनाम किया अपने देश को।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी कहते थे कि हमने कोविड की लड़ाई जीत ली है। हम विश्व की फार्मेसी हैं। अब कह रहे हैं ग्लोबल टेंडर निकालों, वैक्सीन लाओ। कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज की परिस्थिति ऐसी हो गई है कि बेरोज़गारो को रोज़गार तो छोड़ो,जिनके पास रोज़गार था वो भी बेरोज़गार जो रहा है। आज हमारी अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। हमारे कृषि क्षेत्र में किसानो को भटकना पड़ा और एक नया माफिया उत्पन्न हुआ। ये जो नया माफिया है ये कोविड माफिया है।
कमलनाथ ने कहा कि इस नए माफिया में भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्त्ता अस्पताल में एक बैड के लिए दस हज़ार रुपये लेंगे, इंजेक्शन तीस हज़ार रुआपये में बेचेंगे, ऑक्सीजन का भी रेट फिक्स कर दिया है।
शिवराज ने किया पलटवार:
वहीँ कमलनाथ के आरोपों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष (मध्यप्रदेश) को भारतीय नागरिक कहलाने का अधिकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को मौन तोड़ना पड़ेगा। आप साफ करें कि कमलनाथ गलत है, अगर गलत है तो उन्हें पार्टी से बाहर करो या फिर आप कह दीजिए कि आप कमलनाथ के बयान से सहमत है। सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए। क्या आप कमलनाथ के बयान से सहमत हो?