कमलनाथ आज शाम को खोलेंगे अपने पत्ते, 6 मंत्रियों को हटाने के लिए राज्यपाल को लिखा पत्र
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच 22 विधायकों ने विधानसभा की सदस्य्ता से इस्तीफा दे दिया है। तेजी से बदल रहे घटनाक्रमो के बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ के चेहरे पर कोई शिकन दिखाई नहीं दे रही है।
माना जा रहा है कि कमलनाथ अपनी सरकार को बचाने के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं और वे आज देर शाम को अपने पत्ते खोलेंगे। इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिख कर छह मंत्रियों को हटाने की सिफारिश की है। सभी छह मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के हैं।
माना जा रहा है कि कमलनाथ आज शाम को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर सकते हैं और वे राज्यपाल से मुलाकात के बाद ही अपने पत्ते खोलेंगे।
वहीँ राज्यपाल लालजी टंडन होली के अवकाश पर लखनऊ गए हुए हैं और प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए उनके आज शाम तक भोपाल लौटने की उम्मीद है। इसलिए संभावना है कि देर शाम तक मध्य प्रदेश की राजनैतिक तस्वीर पूरी तरह साफ़ हो जायेगी।
दूसरी तरफ इस्तीफा देने वाले विधायकों ने ईमेल के ज़रिये अपना इस्तीफा भेजा है। जिन विधायकों ने अपने इस्तीफे दिए हैं उनमे हरदीप सिंह डंग, तुलसी राम सिलावट (मंत्री), राज्यवर्घन सिंह, प्रभुराम चौधरी (मंत्री) , गोविंद सिंह राजपूत (मंत्री), ब्रजेन्द्र सिंह यादव, जसपाल सिंह जग्गी, महेन्द्र सिंह सिसोदिया (मंत्री), सुरेश धाकड़, जसवंत जाटव, संतराम सरोनिया, इमरती देवी (मंत्री), मुन्नालाल गोयल, प्रद्युम्न सिंह तोमर (मंत्री), रणवीर सिंह जाटव, ओपीएस भदौरिया, कमलेश जाटव, गिरीराज दंडौतिया, रधुराज सिंह कंसाना शामिल हैं।
इससे पहले आज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य्ता से इस्तीफा दे दिया था। सिंधिया के इस्तीफे के बाद साफ़ हो गया कि बेंगलुरु के रिज़ॉर्ट में रुके विधायक कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर शिवराज सिंह ने कहा कि इस मुलाकात को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, यह निजी मुलाकात थी।
वहीँ दूसरी तरफ भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक मौजूद हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ पूर्व मुख़्यमंत्री दिग्विजय सिंह तथा अन्य कांग्रेस नेता मौजूद हैं और सरकार बचाने की कवायद शुरू हो चुकी है।
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने दावा किया कि कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी।
वहीँ कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि अब लग रहा है कि कांग्रेस की सरकार नहीं रहेगी। हमें विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहना चाहिए, मजबूत विपक्ष बनकर काम करेंगे। हम कमर कसकर तैयार हैं। हम जनता के बीच जाएंगे और उम्मीद है कि जनता हमें फिर से चुनेगी।