लखनऊ: कोरोना की आड़ में जुमे की नमाज़ रोके जाने की बात आई सामने
लखनऊ। कोरोना वायरस को लेकर जहाँ सरकार की तरफ से सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगाई जा रही है, वहीँ अब मस्जिदों में जुमे की नमाज़ को रोकने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
कोरोना वायरस से संक्रमण के खतरे को देखते हुए लखनऊ की आसिफी मस्जिद में अगले दो जुमे तक नमाज़ पर पाबंदी लगा दी गई है। मौलाना कलबे जव्वाद नकवी ने एलान किया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को देखते हुए 20 और 27 मार्च को लखनऊ की आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज नहीं होगी। उनके बयान को मजलिस ए ओलमा ए हिंद ने जारी किया है।
इतना ही नहीं कलबे जवाद नकवी ने भारत के अलग-अलग शहरों में मौजूद अन्य इमामों से भी जुमे की नमाज दो सप्ताह के लिए स्थगित करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की तरह हमारा देश भारत भी इस वायरस की ज़द में है। डॉक्टरों ने भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से मना किया है और इस वायरस से बचने के लिए निर्देश जारी किए हैं जिन पर अमल करना हमारा फर्ज है।
मौलाना ने कहा है कि हमारे मराजाए किराम ने भी इस संबंध में सावधानी बरतने के लिए कहा गया है और डॉक्टरों के निर्देश पर अमल करने की हिदायत दी है। इसलिए हम पूरे देश में मौजूद इमामों से दो सप्ताह की नमाज स्थगित करने की अपील करते हैं।
वहीँ लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने जुमे की नमाज को लेकर एडवायजरी जारी की है। उन्होंने मुस्लिम भाइयों से कहा कि शुक्रवार की नमाज मस्जिदों में करने से परहेज करें। अगर घर पर ही इबादत करें तो बेहतर रहेगा।
फिरंगी महली ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए मुस्लिम भाइयों के लिए यह मशविरा जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान मस्जिदों में कोई भी जलसा न करवाना ही उचित रहेगा।