क्या जय शाह ने किया तिरंगे का अपमान! जाने क्या है पूरा मामला?

क्या जय शाह ने किया तिरंगे का अपमान! जाने क्या है पूरा मामला?

Ind vs pak asiacup 2022: देश के गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह तिरंगे के अपमान को लेकर के आजकल सुर्खियों में बने हुए हैं। जय साहब बीसीसीआई के अध्यक्ष और इन दिनों यूएई के अंदर एशिया कप का आयोजन किया जा रहा है। कल भारत-पाकिस्तान के बीच एक महा मुकाबला खेला गया। जिसमें भारत में पाकिस्तान पर 5 विकेट से शानदार जीत दर्ज की,

जब जीत का जश्न मनाया जा रहा था ठीक उसी समय एक आदमी ने बीसीसीआई के सेक्रेटरी जय साहब को तिरंगा देने की कोशिश की जिसमें उन्होंने तिरंगा लेने से इनकार कर दिया। फिर क्या था सोशल मीडिया पर यह बात जंगल में आग की तरह फैल गई कि जय शाह ने तिरंगा लेने से इंकार क्यों किया? जय शाह भारत की जीत पर जश्न मनाते हुए ताली तो बजा रहे लेकिन जैसे ही उनको तिरंगा दिया गया उन्होंने इसको लेने से इनकार कर दिया। इसी को लेकर के सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है।

मामले का हुआ खुलासा

YSR का एक सोशल मीडिया पेज है जिस पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि जय शाह पर अपने पूर्वजों यानी कि RSS का अच्छा खासा प्रभाव है। और इस पेज पर वह वीडियो क्लिप भी डाला गया है। जिसमें अमित शाह के बेटे जय शाह तिरंगा हाथ में लेने से इंकार कर रहे हैं। अगर सीधे तौर पर इस मामले को देखा जाए तो एक तरह से यह तिरंगे का अपमान ही है। जिसमें वह भारत के नागरिक होते हुए भी भारत के झंडे को हाथ में लेने से इंकार कर रहे हैं लेकिन इसको लेकर के एक नियम भी है ।

जाने नियम क्या कहता है?

आपको बता दें कि एशिया कप का जो आयोजन किया जाता है। वह “एशियन क्रिकेट काउंसिल” के द्वारा किया जाता है और “एशियन क्रिकेट काउंसिल” के अध्यक्ष हैं देश के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह, जय शाह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सेक्रेटरी हैं। इसी के साथ साथ वह “एशियन क्रिकेट काउंसिल” के प्रेसिडेंट भी हैं और प्रेसिडेंट होने के साथ-साथ हैं वह एशिया कप के आयोजक भी हैं और आयोजक होने के नाते इंटरनेशनल क्रिकेट का एक नियम है. 2.2.2.2

इस नियम के अनुसार डायरेक्टर खुले तौर पर किसी टीम का न तो समर्थन कर सकता है और ना ही उसका विरोध कर सकता। यह एक नियम हालांकि बात यहां नहीं रुकती, मैच खत्म होने के बाद जय शाह ने भारत की जीत पर जश्न तो मनाया लेकिन उन्होंने तिरंगा लेने से इनकार कर दिया। अब सवाल यह पैदा होता है क्या वह नियम के अनुसार सिर्फ ताली बजाकर भारत की जीत पर जश्न मना रहे थे? इसलिए उन्होंने तिरंगा हाथ में झंडा लेने से इनकार कर दिया या इस नियम के अनुसार कि वह विवादों में ना घिरे लेकिन विवादों में तो जय शाह गिर चुके हैं।

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TeamDigital