गांधी-सावरकर टिप्पणी पर जयराम रमेश और ओवैसी ने राजनाथ को घेरा
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी द्वारा वीर सावरकर की दया याचिकाओं को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया था कि वीर सावरकर ने अंग्रेजो को दया याचिकाएं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुरोध पर लिखीं थीं। राजनाथ की टिप्पणी पर विपक्ष के कुछ नेताओं ने एतराज जताते हुए कहा कि वह “इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश कर रहे हैं”।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर गांधी द्वारा 25 जनवरी, 1920 को एक मामले के संबंध में सावरकर के भाई को लिखा गया एक पत्र साझा किया, और लिखा ” ट्विस्ट” गांधी ने जो लिखा था।
एआईएमआईएम नेता ने यह भी कहा कि सावरकर ने पहली याचिका 1911 में लिखी थी, जेल जाने के छह महीने बाद और गांधी तब दक्षिण अफ्रीका में थे। उन्होंने कहा कि सावरकर ने 1913/14 में फिर से लिखा और गांधी की सलाह 1920 से है।
वहीँ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर महात्मा गांधी द्वारा सावरकर के भाई को लिखे गए पत्र को साझा करते हुए लिखा कि “राजनाथ सिंह जी मोदी सरकार में कुछ शांत और सम्मानजनक आवाज़ों में से हैं। लेकिन वे इतिहास को फिर से लिखने की आरएसएस की आदत से मुक्त नहीं दिखते हैं। उन्होंने 25 जनवरी 1920 को गांधी ने वास्तव में जो लिखा था, उसे एक मोड़ दिया है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “राजनाथ सिंह ने गांधी के 25 जनवरी 1920 के पत्र को स्पष्ट रूप से संदर्भ से बाहर कर दिया है। आश्चर्य की बात नहीं है। यह भाजपा/आरएसएस के लिए समान है।”
क्या कहा था राजनाथ सिंह ने:
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर सावरकर को लेकर कहा कि “सावरकर के बारे में बार-बार झूठ फैलाया जाता है। यह फैलाया गया कि उन्होंने जेलों से अपनी रिहाई के लिए कई दया याचिकाएं दायर कीं। यह महात्मा गांधी थे जिन्होंने उन्हें दया याचिका दायर करने के लिए कहा था।