गहराई से: राम मंदिर के लिए खरीदी गई ज़मीन में भ्रष्टाचार की दुर्गंध, आरोपों में कितना दम

गहराई से: राम मंदिर के लिए खरीदी गई ज़मीन में भ्रष्टाचार की दुर्गंध, आरोपों में कितना दम

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई ज़मींन की कीमत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जिस ज़मीन को 18.5 करोड़ में खरीदा, वहीँ ज़मीन पांच मिनट पहले ही 2 करोड़ में खरीदा गया था।

हालांकि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय किसी भी तरह के आरोपों से इंकार कर रहे हैं लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि आखिर किस तरह पांच मिनट में ज़मीन की कीमत करिश्माई तौर पर बढ़कर दो करोड़ से 18.5 करोड़ हो गई।

राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई ज़मींन में सामने आये घोटाले की दुर्गंध थोड़ी ही देर में पूरे उत्तर प्रदेश में फैल गई है। विपक्ष ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और इसके अध्यक्ष चंपत राय को कटघरे में खड़ा किया है।

दरअसल, सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहे हैं कि जिस ज़मीन को पांच मिनट पहले दो करोड़ में खरीदा गया था, उसमे भी गवाह के तौर पर जिन दो व्यक्तियों (ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेष उपाध्याय) के हस्ताक्षर हैं उन्ही दोनों व्यक्तियों को उसी ज़मीन को 18.5 करोड़ में खरीदने के लिए भी गवाह बनाया गया है।

यानी कि दोनों गवाहों को पूरे प्रकरण की पहले से जानकारी थी कि यह ज़मीन दो करोड़ में खरीद कर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में बेचीं जायेगी। हालांकि ज़मींन की कीमत का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया गया है लेकिन सवाल उठता है कि यदि उस ज़मीन की वास्तविक कीमत 18.5 करोड़ थी तो वह दो करोड़ में कैसे खरीदी गई तथा यदि उस ज़मीन की वास्तविक कीमत दो करोड़ थी तो वह किस आधार पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में खरीदी।

फिलहाल इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाते हुए इसकी जांच की मांग की है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, “मर्यादा परूषोत्तम प्रभु श्री राम के नाम पर इतना बड़ा घोटाला सुनकर आपके पैरों के नीचे ज़मीन खिसक जायेगी। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के नाम पर जमीन खरीद में भारी घोटाला किया गया है। 2 करोड़ की जमीन ट्रस्ट के चम्पत राय ने 5 मिनट बाद 18.5 करोड़ में खरीदी। ये देश के करोड़ों लोगों की आस्था पर आघात है।” उन्होंने आगे कहा, “मोदी जी ED, CBI से जांच कराकर घोटाले बाजों को जेल में डालें।”

वहीँ सपा नेता पवन पांडेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवाल उठाया कि 10 मिनट पहले जिस जमीन का बैनाम 2 करोड़ रुपये में हुआ, उसी जमीन का बैनामा 18 करोड़ में कैसे हो गया। एग्रीमेंट और बैनामा दोनों में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, कि विश्व हिंदू परिषद पर 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदने का आरोप है। यह राम के नाम पर किया जा रहा घोटाला है। राम के नाम पर धन की लूट मची है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. अगर यह लूट साबित होती है तो घोटालेबाजों को सामान्य से कई गुना ज्यादा सजा मिलनी चाहिए।

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TeamDigital