महाराष्ट्र मामले में सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई जारी, संसद में लगे ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे

महाराष्ट्र मामले में सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई जारी, संसद में लगे ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में रातोरात बनी सरकार को लेकर सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई जारी है। माना जा रहा है कि कोर्ट इस मामले में आज अपना फैसला दे सकता है। वहीँ दूसरी तरफ एनसीपी के बागी अजित पवार को बड़ा झटका लगा है। एनसीपी के दो और विधायक शरद पवार खेमे में वापस आ गए हैं।

एनसीपी नेता नवाब मालिक ने कहा कि अब एनसीपी के 52 विधायक मौजूद हैं। अभी दो और एनसीपी विधायक बाहर हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के पास 165 विधायकों का समर्थन है।

वहीँ महाराष्ट्र मामले को लेकर सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई चल रही है। महाराष्ट्र के राज्यपाल का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि इस मामले जबाव फ़ाइल करने के लिए दो -तीन दिन का समय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना राज्यपाल का अधिकार है।

राज्यपाल को सौंपी गई समर्थन की चिठ्ठियों को पढ़ते हुए तुषार मेहता ने कहा कि अलग-अलग चिठ्ठियों में भाजपा के 105 और एनसीपी के 54 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायकों के समर्थन वाली भी एक चिठ्ठी है।

इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि पुराने फैसलों को देखा जाए तो इस तरह के अधिकांश मामले में 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट हुआ है या कुछ मामलो में 48 घंटो के अंदर।

तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल का काम समर्थन पत्र की जांच करना नहीं है, बल्कि उन्होंने उसी पर भाजपा और अजित पवार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। इन चिठ्ठियों के मुताबिक फडणवीस को 170 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

तुषार मेहता ने राज्यपाल को मराठी में लिखी गई समर्थन वाली चिट्ठी को अदालत में पेश किया। जिसपर अदालत ने कहा कि इसका अंग्रेजी अनुवाद कहां है? इसके बाद तुषार मेहता ने अंग्रेजी वाली चिट्ठी अदालत को सौंपी।

शिवसेना के वकील कपिल सिब्बल ने पूछा कि ऐसी कौन सी राष्ट्रीय आपदा दी कि दिन निकलने से पहले 5:17 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया और 8 बजे शपथ ग्रहण हुआ ? उन्होंने कहा कि 5:17 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया, इसका मतलब जो कुछ हुआ वो इससे पहले हुआ।

महाराष्ट्र मामले को लेकर आज संसद में दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान पैदा हुआ। लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी है।

इससे पहले आज कांग्रेस-शिवसेना और एनसीपी सहित विपक्ष के सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं संसद की कार्रवाही शुरू होते ही विपक्ष ने “संविधान की हत्या बंद करो” के नारे लगाए।

लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ‘मैं सदन में एक प्रश्न पूछना चाहता था लेकिन अब इस सवाल के कोई मायने नहीं हैं क्यों कि लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी है’।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital