ज्ञानवापी मस्जिद: कार्बन डेटिंग पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, 14 अक्टूबर को होगा एलान
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद वजूखाने में मिले शिवलिंग की आकृति वाले फाउंटेन की कार्बन डेटिंग कराये जाने की हिन्दू पक्ष की मांग पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस पर फैसला सुरक्षित रखा है। अब कोर्ट 14 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगा।
इससे पिछली तारीख में हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में तर्क दिया था कि जलशाला (वजूखाना) में मिली आकृति भी ज्ञानवापी-गौरी श्रंगार केस का हिस्सा है। इसलिए इसकी कार्बन डेटिंग होनी चाहिए।
वहीँ मुस्लिमपक्ष की तरफ से अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ताओं ने कहा कि 16 मई को सर्वे के दौरान मिली आकृति के बाबत दी गई आपत्ति का निस्तारण नहीं किया गया और मुकदमा सिर्फ शृंगार गौरी के पूजा और दर्शन के लिए दाखिल किया गया है।
अंजुमन कमेटी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ताओं मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने कहा कि 17 मई को सुप्रीमकोर्ट ने मिली आकृति को सुरक्षित व संरक्षित करने का आदेश दिया है। वैज्ञानिक जांच में केमिकल के प्रयोग से आकृति का क्षरण सम्भव है कार्बन डेटिंग जीव व जन्तु की होती है पत्थर की नहीं हो सकती। क्योंकि पत्थर कार्बन को एडाप्ट नहीं कर सकता।
उन्होंने हिन्दू पक्ष की कार्बन डेटिंग की मांग पर विरोध जताते हुए कहा कि कार्बन डेटिंग वाद की मजबूती व साक्ष्य संकलित करने के लिए कराई जा रही है ऐसे में कार्बन डेटिंग का आवेदन खारिज होने योग्य है।
वहीँ प्रतिउत्तर में हिन्दू पक्ष के वकील ने कहा कि र्वे के दौरान वजू स्थल स्थित हौज से पानी हटाने पर अदृश्य आकृति दृश्य रूप में दिखी ऐसे में यह पार्ट ऑफ शूट है यानि दावे का हिस्सा है,बरामद आकृति शिवलिंग है या फव्वारा यह वैज्ञानिक जांच से ही स्पष्ट होगा।
दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद जिला अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखने का आदेश सुनाया। अदालत ने कहा कि शिवलिंग नुमा आकृति वाले फाउंटेन की कार्बन डेटिंग की मांग पर अब फैसला 14 अक्टूबर को सुनाया जायेगा।