ज्ञानवापी मामला: योगी को ‘पॉवर ऑफ अटॉर्नी’ पर विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख को नोटिस
लखनऊ। वाराणसी पुलिस ने विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन को नोटिस जारी कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञानवापी मामले से जुड़े पांच मामलों का पावर ऑफ अटॉर्नी देने की उनकी घोषणा पर स्पष्टीकरण मांगा है।
विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन से पूछा गया है कि क्या ज्ञानवापी से जुड़े मामलो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी देने के फैसले से पहले उनकी पूर्व सहमति ली गई थी, पुलिस ने उन्हें जवाब देने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
इंस्पेक्टर चौक, शिवकांत मिश्रा ने विसेन को नोटिस जारी करते हुए समाचार पत्रों में प्रकाशित उनके बयान का हवाला देते हुए कहा कि वह वीवीएसएस या उससे जुड़े लोगों द्वारा विभिन्न अदालतों में लड़े जा रहे ज्ञानवापी संबंधित सभी पांच मामलों की पावर ऑफ अटॉर्नी मुख्यमंत्री को देंगे।
नोटिस में कहा गया है कि “ज्ञानवापी से जुड़े इन सभी मामलों में “जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त के अलावा, यूपी सरकार पहले से ही प्रतिवादियों में से है। प्रकाशित बयान से पता चलता है कि इसके लिए मुख्यमंत्री की सहमति नहीं ली गई थी। भ्रामक और निराधार घोषणा के बीच संदेह पैदा हो रहा है। ऐसे मामले में मुख्यमंत्री को पार्टी कैसे बनाया जा सकता है जबकि यूपी राज्य सरकार और उसके स्थानीय अधिकारियों को पहले से ही प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया है।”
इतना ही नहीं नोटिस में विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन को इस संबंध में तीन दिनों में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने भी स्वीकार किया कि उन्हें एक कानूनी नोटिस मिला था। नोटिस को लेकर विसेन ने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है, और मैं अपना जवाब निर्धारित समय के भीतर दूंगा।
इतना ही नहीं विसेन ने यह भी कहा कि मैं चौक पुलिस के खिलाफ नोटिस में ज्ञानवापी ढांचे को मस्जिद बताने के लिए मामला दर्ज कराउंगा, क्योंकि मामला विचाराधीन है और कोई भी सरकारी अधिकारी आधिकारिक दस्तावेजों में इसे मस्जिद के रूप में प्रमाणित नहीं कर सकता है।
विसेन ने कहा कि वह इन मामलों की पावर ऑफ अटॉर्नी गोरक्ष पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे न कि किसी मुख्यमंत्री को। उन्होंने कहा, “पहले हमने 15 नवंबर तक पावर ऑफ अटॉर्नी के कागजात पूरे करने का फैसला किया था, लेकिन अब इस प्रक्रिया को दो-तीन दिनों में पूरा करने की प्रक्रिया तेज की जा रही है।”