मनमोहन सिंह ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, बताया- ‘कैसे जीत सकते हैं कोरोना की जंग’
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मौजूदा हालातो पर फतह करने के लिए कई सुझाव दिए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने पत्र में लिखा है कि वैक्सीनेशन के नंबरों के बजाए कितनी फीसदी आबादी का टीकाकरण किया गया है इस पर ध्यान देना चाहिए।
इतना ही नहीं डा मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई एक राष्ट्रीय चुनौती है। हमें टीकाकरण पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है। 45 साल से कम उम्र के लोगों के टीकाकरण की भी छूट दी जाए।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने लिखा कि महामारी ने हजारों लोगों की नौकरियां छीन ली और अब तक लाखों लोगों को गरीबी रेखा में लाकर खड़ा कर दिया है। अपने मार्मिक पत्र में डा मनमोहन सिंह ने कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुई स्थितियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि शहरों में रह रहे बच्चों से मिलने के लिए माता-पिता तरस रहे हैं । दादा-दादी ने अपने पोते-पोतियों को नहीं देखा है।
उन्होंने पत्र में कोरोना महामारी के कारण बंद हुए बच्चो के स्कूलों का ज़िक्र करते हुए लिखा कि लगभग एक साल से शिक्षकों ने अपने बच्चों को क्लासरूम में नहीं देखा। सबके मन में यही सवाल है कि आखिर उनका जीवन कब तक सामान्य होगा।
डा मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को कोरोना से लड़ाई के लिए अपने सुझाव देते हए लिखा कि कोरोना से लड़ने के लिए हमें कई चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें टीकाकरण अभियान को तेज करना अहम होगा। आशा है कि मेरे सुझावों पर अमल होगा।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो यह जानकारी होनी चाहिए कि तमाम वैक्सीन उत्पादक कितने वैक्सीन की खुराक उपलब्ध कराएंगे और अगले छह महीनों में वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा कर लेंगे।
डा मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि अलग-अलग वैक्सीन उत्पादकों को कितने ऑर्डर दिए गए हैं, जिन्होंने अगले छह महीने में डिलीवरी का वादा किया है। यदि हम लक्षित संख्या में लोगों को टीका लगाना चाहते हैं तो हमें अडवांस में पर्याप्त ऑर्डर देने चाहिए ताकि उत्पादक समय से आपूर्ति कर सकें।
पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को उस समय पत्र लिखा है जब देश में कोरोना संक्रमित मामलो की तादाद लगातार बढ़ रही है और पिछले 24 घंटे के अंदर ही देश में कोरोना संक्रमण के 2,61,500 नए मामले सामने आये हैं तथा कई राज्यों में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।