मप्र: विधानसभा का सत्र शुरू, कमलनाथ ने राज्यपाल से कहा ‘अभी नहीं हो सकता फ्लोर टेस्ट’
भोपाल। मध्य प्रदेश में आज से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में भाग लेने के लिए विधायक सदन में पहुँच चुके हैं। कोरोना वायरस के खौफ की वजह से विधायकों को मास्क पहनाकर विधानसभा में प्रवेश दिया जा रहा है। इस समय विधानसभा में राज्यपाल अभिभाषण शुरू हो चूका है।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक एक बस में बैठकर विधानसभा पहुंचे। इस बस में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सवार थे। वहीँ कांग्रेस विधायक मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे।
इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को भेजे अपने पत्र में कहा कि अभी फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया नहीं कराई जा सकती। कमलनाथ ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि बीजेपी ने कांग्रेस के कई विधायकों को कर्नाटक में बंदी बना लिया है। कमलनाथ ने पत्र में कहा कि आशा है कि प्रक्रिया और संविधान का पालन किया जाएगा।
इससे पहले कल मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि विधानसभा में विश्वास मत के लिए ‘हाथों को ऊपर उठाने’ के तरीके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। जहाँ एक तरफ कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा है और एमपी में कमलनाथ की सरकार को अस्थिर करना चाहती है। वहीँ बीजेपी कमलनाथ सरकार को अल्पमत में होने का दावा कर रही है।
कांग्रेस का कहना है कि इन विधायकों को छोड़े बगैर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायकों का कोरोना वायरस टेस्ट कराने की भी मांग की है।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने आज विधानसभा की कार्यवाही को लेकर कहा कि ‘जो कार्यसूची आई है विधानसभा में आज उस पर काम होगा। विधानसभा अध्यक्ष जो भी फैसला लेंगे हमको मंजूर है। हमारे 16 विधायक गायब कर दिए गए हैं जिसकी शिकायत CM ने गृहमंत्री से की है। इन्होंने BJP विधायकों को भी बंदी बना रखा है, उनके फोन गायब हैं।’