किसानो ने शुरू किया मिशन यूपी तो घबराई बीजेपी, कृषि मंत्री ने MSP पर दिया ये बयान
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानो ने अपने मिशन यूपी अभियान के तहत पर्चे बांटे और लोगों से बीजेपी को वोट न देने की अपील की। इस बीच किसानो के मिशन यूपी से बीजेपी बेकफुट पर आ गई है और कृषि राज्य मंत्री ने कैलाश चौधरी ने राज्य सभा में एलान किया कि विधानसभा चुनाव के बाद सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर एक कमेटी का ऐलान करने जा रही है।
कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि चुनाव के चलते अभी कई राज्यों में चुनावी आचार संहिता लागू है, जिसके कारण केंद्र अभी किसी भी तरह की कोई घोषणा नहीं कर रही है। चुनाव खत्म होते ही कमेटी गठित कर दी जाएगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की 215 सिफारिशों में से 201 सिफारिशों को मान लिया है और इन सिफारिशों में से 200 पर काम भी शरू कर दिया गया है।
कैलाश चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि, कमेटी की केवल उन्हीं 14 सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया है, जो 2007 में एमएसपी पर बनाई गई इंटर मिनिस्टीरियल कमेटी की ओर से लिया गया था। इसी कमेटी के सुझावों के बाद सरकार ने 201 सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला लिया।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानो ने पर्चे बांटे:
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर शुक्रवार को किसान संगठनों से जुड़े किसानो ने प्रदेश के कई जिलों में पर्चे बांटकर बीजेपी को वोट न देने की अपील की। गौरतलब है कि गुरुवार को संपन्न हुई संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक में किसान संगठनों ने कई अहम मुद्दों पर विचार विमर्श और आगे की रणनीति तय की गई। बैठक में एमएसपी सहित तमाम शेष मुद्दों पर सरकार की तरफ से कोई पहल न होने को लेकर भी चर्चा हुई थी।
बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि विधानसभा चुनावों में किसान विरोधी बीजेपी को सजा देनी होगी। उन्होंने कहा कि “हम मतदाताओं को एक पर्चा देंगे जिसमें कई सारे सवाल होंगे, सभी वोट मांगने वालों से उसमें हां या ना में जवाब लेंगे। उत्तराखंड में भी ये पर्चा लोगों को बांटेंगे जिसमें हमारे सवाल है। इसका जवाब वोट मांगने आए सभी से लेंगे। इन जवाबों के आधार पर वोटर खुद तय करेगा कि किसको वोट देना है?”