कृषि मंत्री के ऑफर को किसानो ने नाकारा, कहा “संशोधन नहीं, रद्द हों कृषि कानून”

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानो ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर के उस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है जिसमे उन्होंने किसानो से अपील की थी कि वे कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग छोड़ दें और 19 जनवरी को होने वाली वार्ता में कृषि कानूनों के क्लॉज पर बात कर उनमें संशोधनो पर बात करें।
कृषि मंत्री के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि क्लॉज पर चर्चा वो करेगा जिसे कानून में संशोधन कराना हो, ये हमारा सवाल है ही नहीं। सरकार को ये तीनों कानून खत्म करने पड़ेंगे।
नागपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस में राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन में क़रीब 10 दौर की वार्ता हो चुकी है, सरकार पूर्ण रूप से अड़ियल रुख कर रही है।
ईडी के नोटिस से नहीं डरेंगे किसान: सुरजेवाला
वहीँ किसान आंदोलन में शामिल लोगों को एनआईए द्वारा समन भेजे जाने पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि देश के किसानों की उग्रवादियों की जांच करने वाली एजेंसी से जांच करवा रहे हैं। पीएम बताएं कि वे क्या साबित करना चाहते हैं। इन नोटिसों से किसान डरने वाले नहीं हैं। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, एनआईए बीजेपी के फ्रंटल संगठन बनकर रह गए हैं।
26 जनवरी की परेड में शामिल होने देशभर से किसान आ रहे दिल्ली:
इससे पहले आज किसान संघर्ष समिति हरियाणा के मंदीप नथवान ने कहा कि 26 जनवरी को बड़ी संख्या में किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना हक लेने के लिए दिल्ली आ रहा है। सरकार को भ्रम है कि हम इस आंदोलन को तोड़ देंगे लेकिन हम ये आंदोलन टूटने नहीं देंगे। 18 जनवरी को हम महिला किसान दिवस के रूप में मनाएंगे।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की नज़र 26 जनवरी के कार्यक्रम पर है। कुछ लोग सरकार की शह पर इस आंदोलन को उग्र करना चाहते हैं, हमारा ये आंदोलन नीतियों के खिलाफ है ना कि दिल्ली के खिलाफ। ऐसा प्रचार किया जा रहा है जैसे दिल्ली के साथ कोई युद्ध होने जा रहा हो।