किसान आंदोलन के समर्थन में: महाराष्ट्र की सड़को पर उतरने की तैयारी में महाविकास अघाड़ी

मुंबई। कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 53 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन, अब महाराष्ट्र में भी जोर पकड़ सकता है। महाराष्ट्र में कृषि कानूनों के खिलाफ जल्द ही सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सड़क पर उतर कर किसान आंदोलन को अपना समर्थन व्यक्त करेगा।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा थोपे गए तीनो कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानो के समर्थन में जल्द ही एनसीपी,शिवसेना और कांग्रेस सड़क पर उतरेंगे।
नवाब मालिक ने कहा कि एनसीपी सुर्पीमो शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी सड़क पर उतरकर इस आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को तीनो कृषि कानून वापस लेने होंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में किसान आंदोलन और तेज होगा।
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानो और सरकार के बीच अब तक 9 बार बातचीत हो चुकी है लेकिन कृषि कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर बातचीत बेनतीजा रही है।
किसानो ने ख़ारिज किया कृषि मंत्री का प्रस्ताव:
किसानो ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर के उस प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर दिया है। जिसमे उन्होंने किसानो से अपील की थी कि वे कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग छोड़कर कानूनों में संशोधन करने के मुद्दे पर एक एक क्लॉज पर चर्चा करें।
कृषि मंत्री के प्रस्ताव पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने नागपुर में कहा, “क्लॉज पर चर्चा वो करेगा जिसे कानून में संशोधन कराना हो, ये हमारा सवाल है ही नहीं। सरकार को ये तीनों कानून खत्म करने पड़ेंगे। आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन में क़रीब 10 दौर की वार्ता हो चुकी है, सरकार पूर्ण रूप से अड़ियल रुख कर रही है।”