एग्जिट पोल: UP में जोड़तोड़ से बनेगी सरकार, अपने बूते बहुमत नहीं जुटा पाएंगे सपा-भाजपा

एग्जिट पोल: UP में जोड़तोड़ से बनेगी सरकार, अपने बूते बहुमत नहीं जुटा पाएंगे सपा-भाजपा

नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही 10 मार्च को घोषित किये जाएंगे लेकिन इससे पहले आये अधिकांश एग्जिट पोल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में बीजेपी की सत्ता में वापसी के दावे कर रहे हैं। वहीँ एग्जिट पोल में पंजाब में आम आदमी पार्टी को बढ़त दिखा रहे हैं। हालांकि सीटों को लेकर अलग अलग एग्जिट पोल में अलग अलग नंबर बताये गए हैं।

उत्तर प्रदेश में 403 सीटों के लिए सात चरणों में हुए चुनाव को लेकर लोकभारत ने सातो चरण की विधानसभा सीटों पर पत्रकारों और स्थानीय लोगों से मिले रुझानों और 2017 में राजनीतिक दलों को मिले वोटों के आधार पर विशेष आंकलन किया है।

इस आंकलन के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में मुख्य मुकाबले वाली भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों ही अपने बूते बहुमत हासिल नहीं कर सकेंगे। ऐसे में दोनों दलों को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगी दलों के अलावा भी सीटों की दरकार रह सकती है और ऐसी परिस्थिति में जोड़तोड़ की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

आंकलन के मुताबिक, सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत जुटाने के लिए बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और निर्दलीयों का मुंह भी ताकना पड़ सकता है। कुल मिलाकर यह भी कहा जा सकता है कि सत्ता की चाबी 5 से 10 सीटें जीतने वाले दलों के हाथ भी लग सकती है।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर दो बातें बड़े साफ़ तौर पर कही जा सकती हैं। पहला यह कि 2017 के चुनाव की तरह इस बार चुनाव बीजेपी के पक्ष में कोई हवा नहीं थी, दूसरा राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी को केंद्र और राज्य की डबल एंटी इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ा है। यानि बीजेपी जिस डबल इंजन सरकार के दावे किया करती थी वह चुनाव में पूर्णतः ध्वस्त हो गए।

उत्तर प्रदेश को लेकर एग्जिट पोल जो भी दावे करें लेकिन हमारे आंकलन के मुताबिक, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जाट, गुजर, राजपूत और ब्राह्मण समुदाय का भरपूर वोट मिला था लेकिन इस चुनाव में जाट, गुजर और ब्राह्मण मतदाताओं के एक बड़े हिस्से ने बीजेपी से दूरी बना ली। इतना ही नहीं पिछले चुनाव में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं ने जिस तरह बीजेपी के पक्ष में बंपर वोटिंग की थी वह इस चुनाव में नहीं हुई।

अधिकांश एग्जिट पोल को देखकर लगता है कि ये चुनाव पूर्व जमा किये गए सेम्पल डेटा के आधार पर तय किये गए हैं। यानि जब न तो गठबंधन तय हो पाए थे, न सीटों का बंटवारा हो पाया था और न ही उम्मीदवारों के नाम जारी किये गए थे।

किसान आंदोलन का प्रभाव:

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन और रालोद-सपा के बीच हुआ गठबंधन बीजेपी को बड़ी डेंट देता दिखाई पड़ रहा है। आंकलन के मुताबिक, पहले चरण की 58 सीटों और दूसरे चरण की 55 सीटों के चुनाव के बाद ही सपा गठबंधन ने बीजेपी पर बढ़त बना ली थी। वहीँ तीसरे चरण के चुनाव में 59 सीटें यादव बाहुल्य इलाको की थीं जहां इस बार समाजवादी पार्टी गठबंधन को बड़ी सफलता मिलने की संभावना है।

वहीँ चौथे चरण में 59 सीटों के लिए हुए चुनाव में भले ही बीजेपी को सपा गठबंधन से कुछ ज़्यादा सीटें मिलने की संभावना है लेकिन ऐसा भी नहीं कि बीजेपी सभी 59 सीटों पर क्लीन स्वीप करके पहले, दूसरे और तीसरे चरण के नुकसान की भरपाई कर सके।

बीजेपी और सपा गठबंधन का असल इम्तेहान पांचवें,छटे और सातवें चरण के चुनाव में रहा। इन चरणों में सपा और भाजपा गठबंधन के अलावा कुछ इलाको में बसपा और कांग्रेस के उम्मीदवार भी सीधे टक्कर में थे। इसलिए ये कहना जल्दबाज़ी होगी कि इन तीन चरणों में भी बीजेपी को 2017 के चुनाव की तरह बंपर सीटें मिलेंगी। फिलहाल एग्जिट पोल से अलग सभी की नज़रें 10 मार्च पर टिकी हुई हैं, जब मतगणना शुरू होगी और परिणामो का एलान होगा तो दोपहर बाद तक पूरी तस्वीर साफ़ हो जाएगी।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल:

एजेंसी /सोर्स  बीजेपी सपा  बसपा   कांग्रेस 
टीवी 9 भारतवर्ष  211-225  146-160  14-24  4-6 
रिपब्लिक – P MarQ   240  140  17  0-0 
इंडिया न्यूज जन की बात  222-260  135-165  4-9  1-3 
रिपब्लिक – Matrize  262-277  119-134  7-15  3-8 
टाइम्स नाऊ  225  151  14  9 
इंडिया टुडे एक्सिस  288-326  71-101  3-9  1-3 
न्यूज24-चाणक्य   294  105  02  01 
जी न्यूज   223-248  138-157  5-11  4-9 
इंडिया टीवी सीएनएक्स  250  140-150  6-12  2-4 
एबीपी सीवोटर   228-244  132-148  13-21  04-08 
इंडिया टीवी ग्राउंड जीरो रिसर्च  180-220  168-208  2-12  2-8 
देशबन्धु   134-150  228-244  10-24  1-9 
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