जमातियों पर कथित टिप्पणी करने वाली डा आरती लालचंदानी का तबादला
लखनऊ ब्यूरो। तब्लीगी जमात के लोगों पर कथित टिप्पणी करने वाली कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएमसी) की प्रिंसिपल प्रोफेसर आरती लालचंदानी का बुधवार देर रात तबादला कर दिया गया है।
आरती लालचंदानी को लखनऊ में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा, कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है। वहीँ उनकी जगह डॉ. आरबी कमल को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का कार्यवाहक प्राचार्य बनाया गया है।
गौरतलब है कि डा आरती लालचंदानी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे वे तब्लीगी जमात के लोगों को लेकर कथित तौर पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मुसलमान सरकार के रिसोर्सेज को इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हे इलाज नहीं दिया जाए और जंगल में छोड़ देना चाहिए।
वीडियो वायरल होने के बाद मेडिकल कॉलेज से लेकर प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। इस मामले को लेकर डीआईजी ने जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में डीआईजी ने कानपुर के एसपी(क्राइम) और एसडीएम से जांच सौंपी गई है।
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल का वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम नेताओं, बुद्धजीवियों और सामाजिक संगठनों ने आरती लालचंदानी को तुरंत नौकरी से हटाए जाने और कोरोना संक्रमण में मुसलमानो को दिए गए इलाज की जांच की मांग उठाई है।
वहीँ कानपुर के समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी ने डा आरती लाल चंदानी को तुरंत बर्खास्त किये जाने की मांग को लेकर सोमवार को राज्यपाल के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा है। वहीं अधिवक्ता नासिर खान ने पुलिस उपमहानिरीक्षक से इसे लेकर शिकायत की है और उन पर मुकदमा लिखवाने की बात भी कही है। डीआईजी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद पहले आरती लालचंदानी ने वीडियो से यह कह कर पल्ला झाड़ लिया था कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। लेकिन मीडिया में खबरें आने के बाद मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल ने अपना वीडियो जारी कर मुसलिम समुदाय का हितैषी बताने की कोशिश की और कहा कि वे पूरे मुस्लिम समुदाय से माफ़ी मांगती हैं।