ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज आएगा फैसला, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 144 लागू

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज आएगा फैसला, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 144 लागू

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज जिला अदालत फैसला सुनाएगी। इस मामले में सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर जिला अदालत में सुनवाई हो रही है। आज अदालत के फैसले से तय हो जायेगा कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस सुनवाई योग्य है या नहीं।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वाराणसी जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं और वाराणसी के पूरे कमिश्नरेट एरिया में  धारा 144 (निषेधाज्ञा कानून) लागू किया गया है।

वाराणसी के ASP संतोष कुमार सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। कचहरी परिसर में कोई अराजक गतिविधि न हो इसके लिए भी व्यवस्था है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 2000 से अधिक फोर्स यहां तैनात हैं।

कोर्ट का फैसला आने से पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि हमारा कहना है कि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था और मुझे लगता है कि अगर आने वाले समय में ये आवेदन अस्वीकार होती है तो धार्मिक स्वरूप को तय करने की कवायद और आगे बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि आज के फैसले में पता चल जाएगा कि आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बुक दिखाई जाएंगी की नहीं? इसलिए आज का दिन महत्वपू्र्ण है क्योंकि हमारे बहस को अगर कोर्ट मानकर मस्जिद कमेटी के आवेदन को अस्वीकार करती है तो इसका प्रभाव ये होगा कि ये केस आगे बढ़ेगा।

क्या है मामला:

गिनवापि मस्जिद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि 16वीं सदी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को गिराकर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी।ज्ञानवापी मामले में हिन्दू और मुस्लिम पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं और अब सभी की नज़रें कोर्ट के फैसले पर लगी हैं।

इस मामले में अप्रैल 2021 में वाराणसी कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग को मस्जिद का सर्वे करके रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया था। बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं।

अयोध्या में बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिसंबर 2019 में एक याचिका दायर की गई थी जिसमे ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर का हिस्सा होने का दावा किया गया था। इतना ही नहीं इस मामले में मस्जिद के बजूखाने में शिवलिंग के होने का दावा भी किया गया।

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TeamDigital