गणतंत्र दिवस पर कांग्रेस कार्यकर्त्ता पढ़ेंगे संविधान की प्रस्तावना

गणतंत्र दिवस पर कांग्रेस कार्यकर्त्ता पढ़ेंगे संविधान की प्रस्तावना

नई दिल्ली। नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध कर रही कांग्रेस के कार्यकर्त्ता 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर विधानसभाओं में संविधान की प्रस्तावना का पाठ पढ़ेंगे।

पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित विपक्ष की बैठक में एलान किया गया था कि नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध स्वरुप विपक्ष 23, 26 और 30 जनवरी को जनता से संवाद करेगा।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 13 दिसंबर को 20 प्रमुख पार्टियों ने बैठक कर उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों के प्रति विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये शांतिपूर्ण तरीके से सरकार का ध्यान आकर्षित कराने और संविधान की रक्षा करने का फैसला किया। इसलिए महत्वपूर्ण दिनों पर संविधान में निहित हमारे पंथनिरपेक्ष, समाजवादी लोकतांत्रित गणतंत्र के मौलिक सिद्धांत की रक्षा के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

वेणुगोपाल ने कहा कि यह कार्यक्रम संविधान में मौलिक अधिकारों की दी गई गारंटी को रेखांकित करने के लिए है जो भाजपा सरकार की गलत नीतियों की वजह से खतरे में है। यह प्रत्येक कांग्रेस पुरुष और महिला का कर्तव्य है कि वह इस पवित्र दस्तावेज की रक्षा करे, इसमें निहित मौलित सिद्धांतों और मूल्यों की रक्षा करें।

उन्होंने कहा, इस रविवार 26 जनवरी को जब पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा तब कांग्रेस सदस्य संविधान के समर्थन और रक्षा के लिए बाहर निकलेंगे जो इसी दिन 1950 में लागू हुआ था। वेणुगोपाल ने कहा कि इस दिन ध्वाजरोहण के कार्यक्रम के साथ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर संविधान के प्रस्तावना का पाठ करेंगे।

गौरतलब है कि नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष का कहना है कि यह भारत के संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है। धर्म के आधार पर कोई कानून लागू नहीं किया जा सकता। वहीँ सरकार की तरफ से लगातार दावा किया जा रहा है कि इस कानून से भारत के अल्पसंख्यको का कोई लेना देना नहीं है यह सिर्फ अन्य धर्मो के लोगों के लिए हैं।

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