यूपी में कांग्रेस ने शुरू की चुनावी तैयारी, दो लाख मदरसों पर कांग्रेस की नज़र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हालांकि अभी विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ़ नहीं है लेकिन फ़िलहाल पार्टी यह मानकर चल रही है कि उसे विधानसभा चुनाव अकेले दम पर ही लड़ना है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अभी विधानसभा चुनाव में करीब 8 महीने का समय बाकी है और जैसे जैसे चुनाव करीब आएगा, प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर भी बदलेगी लेकिन पार्टी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों को साफ़ तौर पर निर्देश दिए है कि वे अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ने के हिसाब से तैयारियां शुरू करें।
इसी क्रम में पार्टी ने प्रदेश के करीब दो लाख मदरसों को चिन्हित किया है। सूत्रों ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश के दो लाख मदरसों से जुड़े आलिमो से राय ली जा रही है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी के माइनोरिटी विभाग द्वारा हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई उलेमाओं की बैठक में उनसे प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राय मांगी गई।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस चाहती है कि प्रदेश की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर पार्टी एक बार फिर से अपने पुराने वोट बैंक को वापस जोड़े जिससे जातिगत कॉंबिनेशन बनाने में आसानी हो।
वर्चुअल मीटिंग का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने उलेमाओं के साथ वर्चुअल बैठकों के आयोजन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य में करीब दो लाख मदरसों की पहचान की है। इनके सभी उलेमाओं के साथ लगातार चर्चा की जा रही है। उनकी जरूरतों को सुना जा रहा है। जिससे कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसे जगह दी जा सके।
शाहनवाज आलम ने कहा कि सभी उलेमा कांग्रेस को समर्थन कर रहे हैं। उन सभी को प्रियंका गांधी पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि मुद्दा जाहे जो भी हो, मुश्किल समय में प्रियंका हमेशा उनके साथ खड़ी रही हैं।
वहीँ सूत्रों की माने तो कांग्रेस इस बात को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है कि यदि यूपी में विपक्षी दलों के साथ सम्मानजनक गठबंधन नहीं होता है तो पार्टी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी को प्रदेश के मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया जाएगा। हालांकि अभी चुनाव में ख़ासा समय बाकी है, इसलिए कयासों और आशंकाओं का दौर भी जारी है।