कांग्रेस शासित राज्यों में पास होगा सीएए के खिलाफ प्रस्ताव, टीडीपी ने भी समर्थन से पल्ला झाड़ा
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारें भी अपने राज्यों की विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजेंगी।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में भी नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ सबसे पहले केरल सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया था जो पास हो गया।
वहीँ दूसरी तरफ नागरिकता संशोधन विधेयक पर संसद में मोदी सरकार का समर्थन करने वाली तेलगुदेशम पार्टी (टीडीपी) ने अब यूटर्न ले लिया है। अब तेलगुदेशम पार्टी ने नागरिकता कानून और एनआरसी को मुसलमानों के लिए घातक बताया है।
इतना ही नही पार्टी का अब कहना है कि जब तक अल्पसंख्यक मुस्लिमों को विश्वास में नहीं लिया जाता है और देश के असली नागरिकों को कोई खतरा न होने का भरोसा नहीं दिया जाता तब तक हम केंद्र सरकार के सीएए का समर्थन नहीं करेंगे।
नागरिकता संशोधन विधेयक पर संसद में समर्थन करने पर सफाई देते हुए तेलगुदेशम पार्टी के सांसद पार्टी के जी. जयदेव ने कहा कि पार्टी को पहले सीएए में कुछ भी गलत नहीं लगा लेकिन अब जबकि यह पता चला है कि केंद्र सरकार एनआरसी ला रही है तो हमें अब उस खतरे का आभास हो रहा है जो भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर मंडरा रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टीडीपी सांसद ने कहा कि असम एनआरसी के अध्ययन के बाद हमें समय, धन और सर्वेक्षण की गुणवत्ता को लेकर कई खामियों के बारे में पता चला, और इस पर भरोसा नहीं किया सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार असम में इसे ठीक ढंग से लागू नहीं कर पाई तो वे इसे पूरे देश में कैसे लागू करेंगे। इसलिए हमें संदेह है कि यदि सीएए और एनआरसी एक साथ किए जाते हैं तो इसमें दुरुपयोग की बहुत आशंका है।
रिपोर्ट के मुताबिक टीडीपी सांसद जी जयदेव ने कहा कि अगर कोई गैर मुस्लिम दस्तावेज पेश करने में नाकाम रहता है तो उसे जल्दी ही नागरिकता संशोधन कानून के मुताबिक नागरिकता मिल जाएगी लेकिन अल्पसंख्यकों, मुस्लिमों के मामले में ऐसा नहीं होगा। इसके बाद इन मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि डिटेंशन कैम्प पहले ही बनाए जा चुके हैं।