गहलोत को अध्यक्ष बनाकर कांटे से कांटा निकालने की जुगत में है कांग्रेस

गहलोत को अध्यक्ष बनाकर कांटे से कांटा निकालने की जुगत में है कांग्रेस

नई दिल्ली(राजाज़ैद)। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ़ होने लगी है। अब यह बात पूरी तरह साफ़ हो चुकी है कि गांधी परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष पद का उम्मीदवार नहीं होगा।

वहीँ कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जिन दो दावेदारों के नाम अभी तक सामने आये हैं उनमे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर हैं। हालांकि अभी भी संभावना है कि कुछ अन्य नेता भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी ठोंक सकते हैं।

कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। वहीँ नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। ऐसे में पार्टी की चुनावी तस्वीर 30 सितंबर को ही साफ़ हो पाएगी। जब ये तय हो जाएगा कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कुल कितने नामांकन भरे जाते हैं।

अभी तक की स्थिति में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पलड़ा भरी दिख रहा है। इसकी अहम् वजह उनका लंबा राजनीतिक अनुभव और हिंदी भाषी होना है। अशोक गहलोत गांधी परिवार की चार पीढ़ियों के साथ काम कर चुके हैं। वे इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

कांटे से कांटा निकालने की जुगत में कांग्रेस:

कांग्रेस में पिछले दो वर्षो से राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की खाई गहरी हो चुकी है। उस समय राजस्थान के उप मुख्यमंत्री रहते हुए सचिन पायलट ने अपने कई करीबी विधायकों के साथ अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था और सोनिया गांधी व प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद मुश्किल से गहलोत सरकार बच पाई थी।

सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोंक चुके हैं लेकिन अशोक गहलोत भी कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं। दोनों नेताओं का विवाद कई बार राहुल गांधी और सोनिया गांधी तक पहुंच चूका है लेकिन इस मामले में अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

माना जा रहा है कि यदि अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी मिलती है तो एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। ऐसी स्थिति में न सिर्फ सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो सकता है बल्कि पायलट और गहलोत के बीच चल रही लड़ाई का अंत भी हो सकता है।

वहीँ सूत्रों की माने तो राजनीति में माहिर अशोक गहलोत ने अभी से अपने मोहरे सैट करने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक गहलोत नहीं चाहते कि उनके कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालें। सूत्रों ने कहा कि अशोक गहलोत चाहते हैं कि उनके कुर्सी छोड़ने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी सीपी जोशी को सौंपी जाए। सीपी जोशी इस समय राजस्थान विधानसभा के स्पीकर हैं।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस खासकर गांधी परिवार अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाकर भले ही कांटे से कांटा निकालने की जुगत में हैं लेकिन अशोक गहलोत एक कांटा निकलने से पहले ही दूसरे कांटे की तालाश में जुट गए हैं

फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव तक कुछ भी दावे से नहीं कहा जा सकता लेकिन जैसी की संभावनाएं दिख रही हैं कि यदि अशोक गहलोत पार्टी के अध्यक्ष बने तो भी सचिन पायलट की राहें आसान नहीं होंगी।

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TeamDigital