बेरोज़गारी पर सरकार के लिए नहीं आई अच्छी खबर: अक्टूबर में 8.5 फीसदी हुई बेरोजगारी दर
नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रही बेरोज़गारी पर सरकार कोई भी सफाई क्यों न दे लेकिन सीएमआईई द्वारा जारी किये गए आंकड़ों से साफ़ है कि सरकार बेरोज़गारी पर लगाम लगाने में असफल साबित हुई है।
सीएमआईई के मुताबिक अक्टूबर में देश की बेरोजगारी दर 8.5 फीसदी दर्ज रही जो अगस्त 2016 के बाद सबसे ज्यादा है। सितंबर में यह आंकड़ा 7.2 फीसदी था।
सीएमआईई के आंकड़ों से साफ़ है कि देश में बढ़ती बेरोज़गारी को लेकर विपक्ष के दावे सही है। देश में आर्थिक मंदी और नए रोज़गारो के सृजन में कमी के चलते बेरोज़गारी का ग्राफ ऊपर जाना तय है।
हालाँकि सरकार बढ़ती बेरोज़गारी को लेकर अलग अलग तर्क देती रही है। लोकसभा चुनाव से पहले 31 मई 2019 को सीएसओ द्वारा जारी किये गए बेरोज़गारी के आंकड़ों से सरकार के दावों की पोल खुल गयी थी।
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष ने सरकार पर बेरोज़गारी के आंकड़े छिपाने का आरोप भी लगाया था जिसके बाद 31 मई को सीएसओ ने बेरोज़गारी के आंकड़े जारी किये थे।
सीएसओ द्वारा जारी आंकड़ों में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी बताई गई थी जो 45 साल में सबसे ज्यादा थी। सीएसओ के आंकड़ों में बताया गया था कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में बेरोजगारी की दर अधिक है। पुरुषों की बेरोजगारी दर 6.2 फीसदी, जबकि महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.7 फीसदी है।
देश में आर्थिक मंदी को लेकर विपक्ष पहले से ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। अक्टूबर में बेरोज़गारी दर में बढ़ोत्तरी के खुलासे के बाद विपक्ष को सरकार के खिलाफ एक और मुद्दा मिल गया है।