आदर्श जेल अधिनियम लाएगी केंद्र सरकार

आदर्श जेल अधिनियम लाएगी केंद्र सरकार

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार अगले छह माह में ब्रिटिश कालीन कानून में संशोधन कर आदर्श जेल अधिनियम लाएगी जिसके लिए राज्य सरकारों के साथ विस्तृत चर्चा चल रही है।

उन्होंने सभी राज्य सरकारों से 2016 में केंद्र द्वारा लाई गई आदर्श जेल नियमावली को तत्काल अपनाने की अपील की और कहा कि ‘‘जेलों के संबंध में हमारे विचारों के पुनर्मूल्यांकन एवं जेल सुधारों को आगे ले जाने की जरूरत है।’’

उन्होंने यहां छठी अखिल भारतीय जेल ड्यूटी बैठक का उद्घाटन करने के बाद कहा कि केवल 11 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने यह नियमावली अपनाई है।

शाह ने कहा, ‘‘इस जेल नियमावली के बाद हम अब आदर्श जेल अधिनियम लाने जा रहे हैं जो ब्रिटिश काल से चल रहे कानून में जरूरी बदलाव करेगा। फिलहाल हम राज्यों के साथ चर्चा कर रहे हैं और मुझे यकीन है कि छह महीने में यह आ जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि देश में जेलों को अत्याधुनिक बनाने के लिए आदर्श जेल कानून लाया जाएगा। शाह ने जेलों में भीड़ के मुद्दे के समाधान की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इन मुद्दों का समाधान किए बिना जेल प्रशासन में सुधार नहीं किया जा सकता।

गृह मंत्री ने राज्यों से हर जिला जेल में अदालतों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा प्रदान करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने ‘‘कट्टरपंथ एवं मादक पदार्थ के धंधे को बढ़ावा देने वाले कैदियों को अलग से रखने’’ का प्रबंध करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि नयी जेल नियमावली जेलों में गिरोहों को नियंत्रित करने संबंधी मुद्दे से भी निपटती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि जेल प्रशासन आंतरिक सुरक्षा की एक अहम शाखा है। हम जेल प्रशासन की उपेक्षा नहीं कर सकते। जेलों के बारे में समाज की धारणा बदलने की जरूरत है। जेल में बंद सारे कैदी स्वभाव से अपराधी नहीं होते हैं।’’ शाह ने कहा कि दंड की प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन समाज में कैदियों के पुनर्वास के तौर-तरीके ढूंढ़ना भी जेल प्रशासन की जिम्मेदारी है।

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TeamDigital