बजट 2021: LIC की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, आम करदाता को कोई राहत नहीं
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आज वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए आम बजट पेश किया। इस बार पेपरलैस बजट पेश किया गया है, यह प्रिंट नहीं किया गया है। सरकार के बजट में अर्थव्यवस्था को सुधारने की दिशा में कई बड़े कदम उठाये जाने का एलान किया गया है। इसमें भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की हिस्सेदारी बेचना भी शामिल है।
बजट में आम करदाताओं के लिए किसी राहत का एलान नहीं किया गया है। हालांकि 75 साल से ऊपर के लोगों के लिए आईटी रिटर्न जरूरी नहीं, पेंशन और ब्याज से होनी वाली आय पर छूट का एलान किया गया है।
ये हैं बड़े एलान:
-एलआईसी की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
– एफसीआई को एनएसएसएफ लोन देना बंद
– 75 साल से ऊपर के लोगों के लिए आईटी रिटर्न जरूरी नहीं, पेंशन और ब्याज से होनी वाली आय पर छूट
– कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़।
– ऐच्छिक व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का एलान. 20 साल पर्सनल वेहिकल, 15 साल कमर्शियल वेहिकल पुराने यानी अनफिट माने जाएंगे।
– प्रवासी मजदूरों के लिए एक देश एक राशन योजना लांच होगी
– दो सरकारी और एक बीमा कंपनी बेचेगी सरकार
-मिशन पोषण 2.0 का करेंगे शुभारंभ
-64180 करोड़ रुपये के बजट के साथ आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना
-7400 प्रोजेक्ट के लिए इंफ्रापाइपलाइन
– 15 साल पुराने वाहन स्क्रैपिंग में जाएंगे, आएगी पॉलिसी
– रेलवे की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की संपत्ति बेचेगी सरकार, सार्वजनिक कंपनियों के एसेट भी बिकेंगे।
चुनावी राज्यों को साधने की कोशिश:
इस साल असम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनावो को लेकर बजट में इन राज्यों को साधने की कोशिश की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु में नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट (1.03 लाख करोड़), इसी में इकॉनोमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे। केरल में भी 65 हजार करोड़ रुपये के नेशनल हाइवे बनाए जाएंगे, मुंबई-कन्याकुमारी इकॉनोमिक कॉरोडिर का ऐलान किया है।
पश्चिम बंगाल में भी कोलकाता-सिलीगुड़ी के लिए भी नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने असम में अगले 3 साल में हाइवे और इकॉनोमिक कॉरिडोर का भी ऐलान किया। इसके अलावा चाय श्रमिको के लिए विशेषकर असम, पश्चिम बंगाल में 1000 करोड़ का प्रस्ताव है।
पेट्रोल डीजल पर कृषि सेस:
– पेट्रोल-डीजल पर कृषि सेस लगाया गया, पेट्रोल पर 2.50 रुपये और डीजल पर 4.0 रुपये सेस देना होगा। सरकार का दावा ग्राहकों पर इसका असर नहीं होगा।
– कॉटन पर 10 फीसदी ड्यूटी लगाई जाएगी।
– ऑटो पार्ट, स्टील स्क्रू, प्लास्टिक विंडो पैन, चमड़ों, कीमती पत्थरों, कपास, सिल्क पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव।
– चालू वित्त वर्ष के शेष दो महीने में बाजार से 80 हजार करोड़ रुपये की उधारी जुटायेगी सरकार।
क्या है नया:
– डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की वित्तीय प्रोत्साहन योजना
– पंद्रह हजार से अधिक विद्यालयों में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार का प्रस्ताव
– सरकारी बैंकों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के पुन:पूँजीकरण का प्रस्ताव
– 100 नये सैनिक स्कूल स्थापित किये जायेंगे
– पहली डिजिटल जनगणना होगी।
– किफायती आवास के लिए ब्याज पर कर छूट की अवधि एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव
– लोहा एवं इस्पात के आयात पर शुल्क घटाकर 7.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
– इस्पात स्क्रैप पर एक साल के लिए सीमा शुल्क समाप्त करने का प्रस्ताव
– एफआरबीएम एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव
– लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव
– एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की लागत बढ़ाने के प्रावधान। 20 करोड़ से बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव। पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए इसे बढ़ाकर 48 करोड़ रुपये करने का प्रावधान।
-अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम का पुनरुद्धार किया जाएगा। जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति के 4 करोड़ छात्रों के लिए 2025-26 तक 35,219 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा।
– स्टैंडअप इंडिया के लिए मार्जिन मनी की जरूरत 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
– कृषि ऋण बढ़ाकर 16.5 हजार करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव
– पशु पालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में अधिक ऋण का प्रस्ताव, इसके लिए बजट बढ़ाकर 40000 करोड़ रुपये का प्रावधान