उत्तर प्रदेश, हरियाणा में तेजी से गिरे ग्राफ के बाद बीजेपी ने रद्द की तिरंगा यात्रायें

उत्तर प्रदेश, हरियाणा में तेजी से गिरे ग्राफ के बाद बीजेपी ने रद्द की तिरंगा यात्रायें

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में डेमेज कंट्रोल में जुट गई है। किसान आंदोलन के कारण हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रति लोगों के बढ़ते आक्रोश के कारण पार्टी ने अपनी सभी तिरंगा यात्रायें रद्द करने का फैसला लिया है।

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। यदि किसानो की नाराज़गी भारतीय जनता पार्टी से बरकरार रही तो चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाट बाहुल्य विधानसभा सीटों पर किसानो की नाराज़गी बीजेपी के लिए आ बैल मुझे मार जैसा है।

दूसरी तरफ हरियाणा में किसानो की नाराज़गी के चलते राज्य की खट्टर सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। किसान आंदोलन जितना लंबा चलेगा खट्टर सरकार की सांसें उतनी ही कम हो जाएँगी। इसका अहम कारण खाप पंचायतो का बीजेपी और जेजेपी विधायकों पर बढ़ता दबाव है। यदि जेजेपी ने खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले लिया या कुछ बीजेपी विधायकों ने किसानो के दबाव में इस्तीफे थमा दिए तो बीजेपी के लिए खट्टर सरकार को बचाना मुश्किल हो जायेगा।

किसान आंदोलन से पैदा हुए खतरे को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सभी तिरंगा यात्राओं को स्थगित कर दिया है। 26 जनवरी को लाल किले पर कथित तरिके से फहराए गए धार्मिक ध्वज के विरोध में भाजपा ने 30 व 31 जनवरी को तिरंगा यात्राएं निकाले जाने के कार्यक्रम बनाए थे लेकिन किसानो की बढ़ती नाराज़गी के बीच सभी तिरंगा यात्रायें स्थगित कर दी गई हैं।

पार्टी सूत्रों की माने तो तिरंगा यात्रा निकाले जाने से किसानो के बीच बीजेपी के खिलाफ आक्रोश बढ़ने की संभावनाओं के मद्देनज़र पार्टी ने तिरंगा यात्राएं रद्द करने का फैसला लिया है।

सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में मार्च में होने वाले पंचायत चुनाव और हरियाणा में किसानो की सरकार के प्रति बढ़ती नाराज़गी को देखते हुए पार्टी अब किसान आंदोलन से हुए डेमेज को कंट्रोल करने के प्रयास में जुट गई है।

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TeamDigital