अंतरात्मा की आवाज़ पर सीएए के खिलाफ जनता के साथ खड़े हों बीजेपी सांसद: जुनेद क़ाज़ी
न्यू यॉर्क। अभी हाल ही में नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर बीजेपी को अलविदा कहने वाले आईएनओसी, यूएसए के पूर्व अध्यक्ष जुनेद क़ाज़ी ने कहा है कि मोदी सरकार को चाहिए कि नागरिकता कानून और एनआरसी जैसे मामलो को ठंडे बस्ते में डालकर सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने पर ध्यान दे।
एक बयान में उन्होंने कहा कि देश की इकॉनोमी बुरे दौर से गुजर रही है। नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर देशभर में लोग सड़को पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार अपनी ज़िद्द पर अड़ी है।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि देश इस समय अब तक के सबसे ख़राब दौर से गुजर रहा है। सरकार ने बेरोज़गारी, महंगाई जैसी मूल समस्याओं से आँखें मूँद ली हैं। सरकार में बैठे लोग अब पब्लिक से जुड़े अहम मुद्दों पर बात करने से कतराते हैं।
उन्होंने कहा कि देश में नए निवेशक नहीं आ रहे, आर्थिक मंदी के चलते छोटे कारोबारी परेशान हैं और उनके काम धंधे चौपट हो गए हैं। वहीँ दसूरी तरफ सरकार पैसा जुटाने के लिए बीपीसीएल जैसी ब्लूचिप कंपनियों की हिस्सेदारी बेच रही है। सरकार में बैठे लोगों को सोचना पड़ेगा कि ऐसे हालातो में क्या सीएए (CAA) जैसे गैरज़रूरी कानून लागू कर देश में अराजकता को बढ़ावा देना चाहिए या पहले आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि जब देश में एनडीए की सरकार बनी थी तो पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विश्वास की बात कही थी, फिर नागरिकता देने के मामले में मुसलमानो को बाहर रखने से सबका साथ कहाँ हुआ ?
उन्होंने कहा कि बीजेपी के कई नेता भारतीय नागरिकता वाले मुसलमानो को पाकिस्तान चले जाने के बयान देते रहे हैं वहीँ अब सरकार पाकिस्तान के लोगों को देश में लाने की बात कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि ये कैसा तर्क है कि देश में रह रहे लोग पाकिस्तान चले जाएँ और पाकिस्तान के लोग आकर भारत की नागरिकता ले लें।
जेएनयू, जामिया और एएमयू का मामला उठाते हुए जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि छात्रों पर हुई पुलिस बर्बरता की जितनी निंदा की जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि छात्रों पर इस हद ताकत दिखाना ठीक नहीं कि वे अपने रास्ते से भटक जाएँ। उन्होंने कहा कि सरकार की किसी नीति या कानून का विरोध करना देश की जनता का लोकतान्त्रिक अधिकार है उसे ताकत से नहीं कुचला जा सकता।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि विपक्षी दलों को चाहिए कि वे सत्ता की रस्साकशी छोड़कर देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए एकजुट हों और नागरिकता कानून व एनआरसी के खिलाफ सरकार पर दबाव बनायें।
जुनेद क़ाज़ी ने बीजेपी सांसदों से भी अपील की कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर नागरिकता कानून के विरोध के लिए जनता के साथ खुलकर सामने आएं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सांसदों को चाहिए कि वे पार्टी लाइन की जगह देशहित मे सोचेँ। बीजेपी सांसद पार्टी का एजेंडा पूरा करने के लिए नागरिकता कानून का समर्थन करने की मजबूरी से बाहर निकलकर जनता और देश के हित में फैसला लें।