अन्य चुनावो की तरह दिल्ली के चुनाव में बीजेपी नहीं बता रही कितनी आएंगी सीटें, ये है वजह

अन्य चुनावो की तरह दिल्ली के चुनाव में बीजेपी नहीं बता रही कितनी आएंगी सीटें, ये है वजह

नई दिल्ली(राजाज़ैद)। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अपने 21 साल के वनवास को खत्म करने का सपना संजोये बैठी भारतीय जनता पार्टी अन्य राज्यों के चुनावो की तरह अपनी सीटों की संख्या को लेकर कोई दावे नहीं कर रही है।

अहम सवाल है कि महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड के चुनाव में अपनी सीटों को लेकर चढ़ बढ़कर दावे करने वाली बीजेपी दिल्ली में मौन क्यों हैं। दिल्ली के विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में यूँ तो बीजेपी के शीर्ष नेताओं, मंत्रियों और सांसदों ने जमकर पसीना बहाया है लेकिन सवाल यह भी है कि बीजेपी का अध्यक्ष न होने के बावजूद भी अमित शाह चुनाव में इतनी दिलचस्पी क्यों दिखा रहे हैं।

अब आपको बताते हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव की वह ग्राउंड रिपोर्ट जो खुद बीजेपी के आंतरिक सर्वे से जुडी हुई है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद एक दो नहीं बल्कि तीन आंतरिक सर्वे कराये।

पार्टी सूत्रों की माने तो तीनो आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट बीजेपी के खिलाफ आयी है। आंतरिक सर्वे की सभी रिपोर्टों में बीजेपी सत्ता से बहुत दूर खड़ी हैं। हालाँकि आंतरिक सर्वे की तीसरी रिपोर्ट बीजेपी को थोड़ा राहत देने वाली है। इस रिपोर्ट में बीजेपी की सीटें बढ़ने की संभावना जताई गई है और बीजेपी पिछले चुनाव में मिलीं तीन सीटों से बढ़कर 15 सीटों तक पहुँच सकती है।

सूत्रों ने कहा कि जिन सीटों पर कांग्रेस टक्कर में आ रही हैं,उन्ही सीटों पर बीजेपी को बढ़ा फायदा हो सकता है। यानि जिन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है वहां बीजेपी फायदा उठा सकती है। सूत्रों ने कहा कि आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि इस चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ेगा और करीब दो दर्जन सीटों पर हार जीत का फैसला मामूली अंतर् से ही होगा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में बीजेपी ने पूरी फ़ौज उतार रखी है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, पार्टी के सांसद और विधायकों के अलावा करीब दर्जनभर केंद्रीय मंत्रियों ने पार्टी के प्रचार के लिए एड़ी चोटी तक का ज़ोर लगाया है।

इस सबके बावजूद बीजेपी के शीर्ष नेता यहाँ तक कि खुद पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह यह नहीं बता पा रहे कि दिल्ली में पार्टी कितनी सीटें जीत सकती हैं।

अपनी रणनीति के तहत बीजेपी ने हिंदुत्व को उछालने के लिए शाहीन बाग़ और पाकिस्तान को प्रचार में आगे अवश्य रखा लेकिन बीजेपी का हिंदुत्व सिर्फ दिल्ली के चुनिंदा इलाके में ही मतदाताओं के एक वर्ग विशेष को ही आकर्षित कर सका है।

दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर गुरूवार (आज) चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। फिलहाल सभी की नज़रें 8 फरवरी को मतदान और 11 फरवरी को चुनावी नतीजों पर टिकी हैं।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital