एनआरसी पर असम सरकार का यू टर्न: मौजूदा एनआरसी लिस्ट को रद्द करने की मांग
नई दिल्ली। असम में जोर शोर से बनी एनआरसी की लिस्ट से खुद असम सरकार खुश नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में एनआरसी पूरे देश में लागू करने की प्रतिबद्धता जताये जाने के बाद असम सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय से अपील की है कि मौजूदा एनआरसी लिस्ट को रद्द कर दिया जाए।
असम सरकार की मांग पर आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अब बीजेपी इसे हटवाना चाहती है।
ओवैसी ने ट्विटर पर कहा कि ‘खोदा पहाड़, निकला चूहा! अब बीजेपी इसे हटवाना चाहती है। नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि भारतीयों को एक बार फिर लाइन में खड़ा कर दिया जाए, जिनके पास कागज नहीं हैं उन्हें हिरासत में ले लिया जाए। अल्पसंख्यकों और कमजोरों को बाबुओं की दया पर छोड़ना चाहते हैं। दुनिया में कहीं भी इतनी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है।’
गौरतलब है कि असम में एनआरसी की फाइनल सूची में करीब 19 लाख लोगों के नाम गायब हैं। एनआरसी लागू करने को लेकर लोगों के मन में तरह तरह की आशंकाएं हैं। कई राज्यों में बन रहे डिटेंशन सेंटर की खबरों के बाद एनआरसी को लेकर तरह तरह की खबरें भी मीडिया में आयी हैं।
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में दिए अपने बयान में कहा था कि एनआरसी को देशभर में लागू किया जाएगा। हालाँकि उन्होंने एनआरसी के किसी धर्मविशेष के लोगों के खिलाफ होने की आशंकाओं को भी ख़ारिज किया।