गणतंत्र दिवस: सीएए के खिलाफ प्रदर्शन थमे, देशभक्ति के नारो और राष्ट्रगान से बदली फ़िज़ा

गणतंत्र दिवस: सीएए के खिलाफ प्रदर्शन थमे, देशभक्ति के नारो और राष्ट्रगान से बदली फ़िज़ा

नई दिल्ली। जहाँ देशभर में आज 71 वे गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है वहीँ नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली सहित देश के कई शहरो में चल रहे विरोध प्रदर्शनो में भी आज गणतंत्र दिवस की धूम रही।

दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता कानून के खिलाफ धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने पूरी तन्मयता से गणतंत्र दिवस का स्वागत किया। प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ देशभक्ति के नारे लगाए बल्कि हज़ारो की तादाद में मौजूद लोग राष्ट्रगान में भी शामिल हुए। शाहीन बाग़ में रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला ने ध्वजारोहण किया।

दिल्ली के अलावा देश के अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रदर्शन स्थल पर ध्वजारोहण किया, संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और राष्ट्रगान में शामिल हुए।

वहीँ उत्तर प्रदेश के घंटाघर और गोमतीनगर के उजरियांव के गंज शहीदा कब्रिस्तान के निकट दरगाह परिसर में प्रदर्शन आज भी जारी रहा। इससे पहले कल घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस आंदोलन को खत्म करने के लिए दबाव बना रही है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया कि शनिवार दोपहर में एसीपी पश्चिम विकास चन्द्र त्रिपाठी की अगुवाई में पुलिसकर्मी घंटाघर पहुंचे और उन्होंने पुरुषों को लाठियां फटकार कर भगाना शुरू कर दिया। प्रदर्शन में शामिल फौजिया का आरोप है कि पुलिस ने मारपीट की।

अधिवक्ताओं ने बढ़ाया हौसला:

इससे पहले शनिवार को घंटाघर पहुंचे अधिवक्ताओं ने प्रदर्शनकारी महिलाओं का हौसला बढ़ाया। लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जितेन्द्र सिंह जीतू की अगुआई में कई अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने पुलिस के रवैये को लेकर अधिकारियों से चर्चा कर नाराजगी भी जताई।

पूर्व जस्टिस भी हुए शामिल:

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में चल रहे महिलाओं के प्रदर्शन को समर्थन देने शनिवार को सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस हैदर अब्बास रजा भी घंटाघर पहुंचे। उन्होंने महिलाओं का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि सरकार को महिलाओं की बात को सुनना चाहिये।

भड़काऊ भाषण के आरोपी शरजील इमाम के घर पर पुलिस की रेड:

दिल्ली के शाहीन बाग आंदोलन में आपत्तिजनक भाषण देने के आरोपी जेएनयू छात्र शरजील इमाम के काको स्थित पैतृक आवास पर पुलिस छापेमारी की खबर है। बताया जा रहा है कि केन्द्रीय एजेंसियों ने ये छापेमारी स्थानीय जहानाबाद पुलिस की मदद से की। पुलिस ने उसके दो रिश्तेदारों सहित तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की। हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया।

गौरतलब है कि जेएनयू छात्र शरजील इमाम का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो कहता है, हमारे पास संगठित लोग हों तो हम असम से हिंदुस्तान को हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं।

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TeamDigital