इलाहाबाद हाईकोर्ट की सलाह: दो महीने के लिए टाल दें यूपी के चुनाव
लखनऊ। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने पीएम नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से अपील की है कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को दो महीने टाल दिया जाए।
इतना ही नहीं उच्च न्यायालय ने चुनावी रैलियों में भीड़ जुटाए जाने पर आपत्ति जताई है। अदालत ने पीएम नरेंद्र मोदी और चुनाव आयुक्त से अपील की है कि राज्य में चुनावी रैलियों और सभाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठायें।
कोर्ट ने रैलियों में भीड़ जुटाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जान है तो जहान है, इसीलिए चुनाव टालने के बारे में पीएम जरूर सोचें। कोर्ट ने यह आदेश उत्तर गिरोहबंद कानून के तहत आरोपी संजय यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। दरअसल संजय यादव के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट इलाके में केस दर्ज है।
कोर्ट ने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव के समय बड़ी संख्य़ा में लोग संक्रमित हुए थे। जिसकी वजह सो लोगों की मौत हो गई थी। अदालत ने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव पास है, जिसके लिए सभी दल रैली, सभाएं करके लाखों की भीड़ जुटा रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे हालात में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन संभव ही नहीं है। अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया तो दूसरी लहर से ज्यादा भयावह स्थिति हो जाएगी।
कोर्ट ने चुनाव आयुक्त से अपील की कि चुनावी रैली, सभाओं में भीड़ जुटाने पर प्रतिबंध लगाया जाए तथा राजनीतिक दलों से कहा जाए कि वह टीवी, न्यज पेपर्स के माध्यम से ही चुनाव प्रचार करें।
हाईकोर्ट ने कहा कि जीवन का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है। कोर्ट पीएम से अपील करता है कि इस भयावह महामारी को देखते हुए कड़े कदम उठाते हुए रैली, सभाओं और चुनाव को टालने पर विचार करें।