दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ेगा अकाली दल, सीएए पर बीजेपी के दबाव को बताया कारण

नई दिल्ली। पंजाब में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल दिल्ली विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेगा। पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के पीछे नागरिकता कानून (सीएए) को वजह बताया है।
शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अकाली दल देश में एनआरसी लागू करने का पक्षधर नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी का सहयोगी होने के नाते नागरिकता कानून के मुद्दे पर अकाली दल ने मोदी सरकार का समर्थन किया था लेकिन हमने कभी यह मांग नहीं की कि किसी भी धर्म के लोगों को नागरिकता कानून से बाहर रखा जाए।
सिरसा ने कहा कि हम नहीं चाहते कि देश में ऐसा कोई कानून बने जिससे देश के लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में लगना पड़े। उन्होंने कहा कि यह एक महान देश है और इस देश में साम्प्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं है।
अकाली दल नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ अकाली दल के पुराने रिश्ते हैं लेकिन नागरिकता कानून (सीएए) पर बीजेपी चाहती है कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखवीर सिंह बादल द्वारा सभी धर्मो के नागरिकों को शामिल करने वाले स्टेण्ड पर अकाली दल पुनर्विचार करे। इसलिए बीजेपी के दबाव में नागरिकता कानून में सभी धर्मो के लोगों को शामिल करने वाले अपने स्टैंड से पीछे हटने की जगह अकाली दल ने तय किया है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगा।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन के तहत बीजेपी ने शिरोमणि अकाली दल के लिए कुछ सीटें छोड़ी थीं। वहीँ दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर माना जा रहा था कि दिल्ली में भी बीजेपी शिरोमणि अकाली दल को कम से कम दो सीटें देगी, लेकिन पार्टी सूत्रों की माने तो बीजेपी ने अकाली दल को सिर्फ एक सीट ही दी। वहीँ जनता दल यूनाइटेड तो दो सीटें दी गई हैं और रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी को भी जा रही है।