दिल्ली हिंसा: अकाली दल का मोदी सरकार पर निशाना, कहा ‘देश में न धर्मनिरपेक्षता बची, न लोकतंत्र’

दिल्ली हिंसा: अकाली दल का मोदी सरकार पर निशाना, कहा ‘देश में न धर्मनिरपेक्षता बची, न लोकतंत्र’

नई दिल्ली। दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी की सहयोगी पार्टी अकाली दल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने दिल्ली हिंसा को दर्भाग्यपूर्ण बताया है।

बादल ने कहा कि हमारे देश के संविधान में तीन चीजें लिखी हैं, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र, लेकिन इसमें से यहां कुछ नहीं बचा है। अब यह केवल संसदीय और राज्य चुनाव के स्तर तक ही मौजूद है।

इससे पहले गुरुवार को दिल्ली हिंसा को लेकर शिरोमणि अकाली दल के सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल के बेेटे नरेश गुजराल ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए।

उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखकर कहा कि पूरे मामले में पुलिस की भूमिका निष्क्रिय दिखी। वो लगभग वैसी ही थी जैसी हमने 1984 में सिखों के खिलाफ हिंसा के दौरान देखी थी। उन्होंने पुलिस पर उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी लगाया।

अकाली दल सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि कोई भी नहीं चाहेगा कि देश में कहीं भी फिर से 1984 जैसी हिंसा हो। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने की दिशा में दिल्ली पुलिस की “निष्क्रियता” 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान हुई घटनाओं की याद ताजा कराती है, यह चौंकाने वाला है।

गौरतलब है कि दिल्ली में जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग और शिव विहार इलाके भड़की हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए।

सांप्रदायिक हिंसक झड़पों के दौरान उपद्रवियों ने कई घरो, दुकानों को आग लगा दी। इतना ही नहीं उपद्रवियों की भीड़ ने एक धर्म विशेष से जुड़े धर्मिक स्थलों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एम एस रंधावा के मुताबिक अब तक 123 एफआईआर दर्ज की हैं, हिरासत में लिए या गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या लगभग 630 है।

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TeamDigital