राजस्थान में गहलोत बनाम पायलट मामला हल नहीं कर सके माकन, छोड़ना चाहते हैं ज़िम्मेदारी

राजस्थान में गहलोत बनाम पायलट मामला हल नहीं कर सके माकन, छोड़ना चाहते हैं ज़िम्मेदारी

नई दिल्ली। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के युवा चेहरा सचिन पायलट के बीच चल रहे शीत युद्ध का हल निकलने से पहले से अजय माकन ने राज्य कांग्रेस के प्रभारी पद की ज़िम्मेदारी से खुद को मुक्त करने की इच्छा जताई है।

इसके लिए अजय माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के को पत्र लिखा है। माकन ने 8 नवंबर को लिखे अपने पत्र में कहा है कि राजस्थान में नया प्रभारी नियुक्त किया जाये। माकन ने पत्र में कहा कि नए प्रभारी की नियुक्ति पार्टी के हित में होगी।

माकन ने पत्र में राजस्थान के विधानसभा उपचुनाव और भारत यात्रा के आगमन का हवाला देते हुए लिखा कि दिसंबर के पहले सप्ताह में भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी, साथ ही राज्य में 4 दिसंबर को उपचुनाव भी होना है। ऐसे में बेहतर होगा कि राज्य में नए कांग्रेस प्रभारी की नियुक्ति जल्द कर दी जाए।

माकन ने पत्र में राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी के पद से हटने के पीछे 25 सितंबर की घटना को अहम कारण बताया है। बता दें कि राजस्थान में 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थक विधायकों ने इस बैठक का बॉयकाट करते हुए शक्ति प्रदर्शन किया और विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर अपने इस्तीफे लेकर पहुंच गए थे। अंततः विधायक दल की बैठक को रद्द करना पड़ा था। इस घटना पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कड़ी नाराज़गी जताई थी।

वहीँ माकन ने पत्र में तर्क दिया कि वह श्रमिक संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से दिल्ली पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, ताकि प्रदूषण, झुग्गी-बस्तियों, रेहड़ी-पटरी वालों और अनाधिकृत कॉलोनियों के निवासियों से जुड़े मुद्दे उठा सकें।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के को लिखे पत्र में माकन ने कांग्रेस से अपनी वफादारी की प्रतिवद्धता जताते हुए कहा कि मेरा पिछली तीन पीढ़ियों से कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ाव है और चार दशक से सक्रिय कांग्रेस सदस्य होने के कारण मैं राहुल गांधी का धुर समर्थक बना रहूंगा।उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पर मुझे इस कदर विश्वास है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

वहीँ सूत्रों की माने तो अजय माकन राजस्थान में अनुशासनहीनता को लेकर अभी तक कोई कार्रवाही न होने को लेकर नाराज़ हैं। 25 सितंबर की घटना को कांग्रेस हाईकमान ने अनुशासनहीनता मानते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी तीन कांग्रेस नेताओं को नोटिस जारी किया था। जिसका जबाव भी पार्टी की अनुशासन समिति को मिल गया है लेकिन कार्रवाही को लेकर नए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के अभी कोई फैसला नहीं ले सके हैं।

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