मस्जिद के लिए अलग ज़मीन नहीं लेगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, पुनर्विचार याचिका होगी दाखिल
लखनऊ। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आज लखनऊ में संपन्न हुई बैठक में तय हुआ कि सुप्रीमकोर्ट के फैसले के मुताबिक मस्जिद के लिए मिलने वाली 5 एकड़ ज़मीन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं बैठक में तय हुआ कि अयोध्या मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की जायेगी।
लखनऊ के मुमताज पीजी कॉलेज में संपन्न हुई मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में बोर्ड के बोर्ड के सचिव एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि हमें वही जमीन चाहिए जिसके लिए हमने लड़ाई लड़ी। मस्जिद के लिए किसी दूसरी जगह जमीन लेना शरिया के खिलाफ है।
जिलानी ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने अपने फैसले में साफतौर पर कहा है कि मस्जिद में नमाज़ पढ़ी जाती थी, साथ ही मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गयी थी और गुंबद के नीचे भगवान राम के जन्मस्थान का कोई प्रमाण नहीं मिला।
जिलानी ने बोर्ड के सदस्यों को जानकारी दी कि हम अयोध्या मामले में कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका के साथ फिर सुप्रीमकोर्ट जायेंगे। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास तीस दिन का समय है। हम इन तीस दिनों में पुनर्विचार याचिका की तैयारी करेंगे।
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में मुख्य पक्षकार इक़बाल अंसारी चाहें तो वे भी पुनर्विचार याचिका दायर कर सकते हैं लेकिन मीडिया में आये बयानों से लगता है कि इक़बाल अंसारी पुनर्विचार याचिका दायर करने के पक्ष में नहीं हैं।
जिलानी ने कहा कि हो सकता है कि इक़बाल अंसारी के ऊपर कोई दबाव हो, जिसके चलते वे पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करना चाहते हों। उन्होंने कहा कि अगर सभी पक्षकार चाहें तो अलग अलग पुनर्विचार याचिका भी दायर कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम जिस जगह बाबरी मस्जिद थी उसकी जगह अन्य स्थान पर 5 एकड़ ज़मीन दिए जाने के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि मस्जिद की जमीन स्थानांतरित नहीं की जा सकती।