गुजरात: मुस्लिम बाहुल्य इलाको में लोगों ने घरो पर लगाए पर्चे ‘कागज नहीं दिखाएंगे’
अहमदाबाद। नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर जहाँ दिल्ली के शाहीन बाग़ सहित देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं वहीँ अब देशभर में शुरू होने जा रही एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) प्रक्रिया को लेकर विरोध होना शुरू हो गया है।
अहमदाबाद के मुस्लिम बाहुल्य इलाको में एनपीआर का विरोध अभी से देखा जा रहा है। यहाँ मुस्लिम बाहुल्य कहे जाने वाले बापू नगर और सरसपुर में कई घरो के बाहर ‘कागज नहीं दिखाएंगे’ लिखे हुए पोस्टर लगे हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक खुद गृहमंत्री देशभर में एनआरसी लागू करने की बात संसद में कह चुके हैं, साथ ही एनपीआर को लेकर यह कहा गया है कि एनपीआर एनआरसी की दिशा में पहला कदम है।
लोगों ने कहा कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि एनपीआर का डेटा एनआरसी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में सरकार की नीयत पर भरोसा कैसे किया जाए।
लोगों ने कहा कि हम एनपीआर में अपनी कोई जानकारी नहीं देंगे। भले ही सरकार इसके लिए कोई भी दबाव बनाये। हम जिस तरह नागरिकता कानून के खिलाफ लड़ रहे हैं, उसी तरह एनपीआर के लिए भी लड़ेंगे।
वहीँ दूसरी तरफ नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़, लखनऊ के घंटाघर सहित देश के कई हिस्सों में प्रदर्शनों का सिलसिला अभी भी जारी है।
दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों को अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है। हालाँकि पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगा दी है और भारी मात्रा में अर्धसैनिक बल तैनात किये गए हैं। इतना ही नहीं पुलिस के आलाधिकारी भी शाहीन बाग़ की एक एक गतिविधि पर नज़र रखे हुए हैं और डीसीपी लेविल के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं।
माना जा रहा है कि नागरिकता कानून और एनपीआर के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में लंबित करीब 15 याचिकाओं पर सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई तक ये विरोध प्रदर्शन जारी रह सकते हैं।