4 वर्षो में 60 देशो का भ्रमण करने के बाद उसने तय किया कि वह इस्लाम ग्रहण करेगा
नीदरलैंड । मिखाइल ने 4 वर्षो तक दुनिया के करीब 60 देशो का भ्रमण किया । इस दौरान उसे अनेक धर्मो के लोग मिले और वे अलग अलग कल्चर से रूबरू होते रहे । अंत में मिखाइल इस नतीजे पर पहुंचे कि इस्लाम सबसे खूबसूरत मज़हब है और उन्होंने फैसला लिया कि वे इस्लाम ग्रहण करेंगे ।
मिखाइल के अनुसार 4 वर्षो तक अपने भ्रमण के दौरान वे होटल में कम ही रुके । उन्होंने ज़्यादातर देशो में अलग अलग धर्म के परिवारों के बीच रहना उचित समझा । वे हर धर्म के तौर तरीकों को करीब से समझना चाहते थे । मिखाइल के अनुसार इंडोनेशिया और मलेशिया में खासकर वे होटल में एक दिन भी नहीं रहे ।
अपने विदेश भ्रमण के दौरान मिखाइल अपने मित्रो और सगे सम्बंधियों को अपनी यात्रा और धर्मो के विषय में खुद को हो रहे अनुभव के विषय में लिखकर जानकारी देते रहे । मिखाइल कहते हैं कि मुस्लिम परिवारों के बीच रहने के दौरान कभी उनसे उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए नहीं कहा गया और न ही किसी धर्म की बुराई की गई ।
मिखाइल के अनुसार लोग इस्लाम के बारे में गलत प्रचार कर रहे हैं । उन्होंने जब मुस्लिम परिवारों के बीच में रहकर देखा तो उन्हें इस्लाम का सही मतलब समझ आया । तभी उन्होंने तय किया कि वे इस्लाम को और करीब से समझने के लिए क्वालालम्पुर और जकार्ता में जाकर इस्लाम की शिक्षा ग्रहण करेंगे लेकिन इस समय तक उन्होंने इस्लाम धर्म ग्रहण करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया था ।
इस्लाम को बेहद करीब से समझने के बाद मिखाइल को लगा शायद यह वही मज़हब है जिसकी उन्हें तलाश थी । उन्होंने कुरान के अंग्रेजी तर्जुमे को कई कई बार पढ़ा और उन्होंने तय किया कि वे इस्लाम ग्रहण करेंगे ।