सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में अब तक एमएनएस के 150 कार्यकर्ता गिरफ्तार

सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में अब तक एमएनएस के 150 कार्यकर्ता गिरफ्तार

नासिक। महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (एमएनएस) के हनुमान चालीसा मामले से पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद नासिक में अब तक 150 एमएनएस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।

नासिक के आईजी बीजी शेखर पाटिल ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि नासिक में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में अब तक 150 MNS कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस तैनात है।

इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने अपना उग्र तेवर जारी रखते हुए बुधवार को कहा कि जब तक मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर शांत नहीं होते, उनके पार्टी कार्यकर्ता भी तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाना जारी रखेंगे।

राज ठाकरे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में महाराष्ट्र पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को तो हिरासत में ले रही है, लेकिन कानून का पालन न करने वालों को ‘छोड़’ रही है।

मनसे प्रमुख ने दावा किया कि जब उन्होंने मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा बजाने का आह्वान किया, तो 90 से 92 प्रतिशत मस्जिदों में सुबह की अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने बुधवार से मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी थी।

राज ठाकरे ने दावा किया कि मुंबई में 1,104 मस्जिदें हैं, जिनमें से 135 ने बुधवार को सुबह की नमाज के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया। उन्होंने पूछा कि आखिर इन मस्जिदों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है, जिन्होंने ‘कानून का उल्लंघन किया है।’

उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों की जाती है जबकि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कुछ नहीं किया जा रहा है? यह मामला सिर्फ सुबह की अजान तक ही सीमित नहीं है। अगर दिन में चार-पांच बार नमाज के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो हमारे लोग भी दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा बजाते रहेंगे। यह (विरोध) केवल एक दिन के लिए नहीं है।’’

राज ठाकरे ने कहा कि अगर कोई मंदिर उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन कर रहा है, तो उसे भी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि मस्जिदें लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करती हैं तो उन्हें उच्चतम न्यायालय की ओर से निर्धारित आवाज की सीमा का पालन करना चाहिए।

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