फ़िल्मकार के खिलाफ राजद्रोह के केस के विरोध में 15 बीजेपी नेताओं ने पार्टी छोड़ी
नई दिल्ली। लक्षद्वीप में प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल की आलोचना करने के लिए फिल्मकार आयशा सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किये जाने से नाराज़ बीजेपी के 15 नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।
आयशा सुल्ताना ने प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के कोरोना से निपटने की नीति की आलोचना की थी। इसके बाद उन पर राजद्रोह और अभद्र भाषा का प्रयोग करने को लेकर केस दर्ज किया गया है।
आयशा सुल्ताना के बयान के खिलाफ इस केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में भाजपा अध्यक्ष की शिकायत पर ही फिल्मकार पर मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद बीजेपी के 15 नेताओं ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को पत्र लिखकर कड़ी नाराज़गी जताते हुए इस्तीफा देने की बात कही है।
पत्र में कहा गया है कि लक्षद्वीप में भाजपा को इस बात से पूरी जानकारी है कि कैसे वर्तमान प्रशासक पटेल की हरकतें जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी और लोगों के लिए अत्यधिक पीड़ा का कारण बनी हैं। फिल्मकार आयशा सुल्ताना द्वारा इस मामले को उठाये जाने पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना बेहद पीड़ादायक है।
फिल्मकार आयशा सुल्ताना के समर्थन इन नेताओं ने कहा कि यह ठीक उसी तरह है, जैसे चेतलाट निवासी आयशा सुल्ताना ने भी मीडिया में अपनी राय साझा की।
पत्र में कहा गया है कि पुलिस में आपकी (प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष) शिकायत के आधार पर आयशा सुल्ताना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसने एक चर्चा के दौरान लक्षद्वीप में वर्तमान प्रशासक के आगमन और उनके अवैज्ञानिक, गैर-जिम्मेदार फैसलों के साथ एक भी कोरोना के मामले नहीं होने से लेकर बड़े पैमाने पर मामलों की बात की थी।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि आपने आयशा बहन के खिलाफ झूठी और अनुचित शिकायत दर्ज की है। उनके परिवार और उनके भविष्य को बर्बाद कर दिया है। हम इस पर अपनी कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हैं और भाजपा से अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हैं।