शिवसेना ने मोदी सरकार को बताया गिरगिट
मुंबई । कश्मीरी नेताओं के किसी भी देश के प्रतिनिधियों से मुलाकात पर कोई रोक नहीं हैं, मोदी सरकार के इस बयान पर उसकी यहयोगी शिवसेना ने जमकर निशाना साधा है। शिवसेना ने बुधवार को कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने अलगाववादियों को पाकिस्तान से बातचीत करने की ‘रियायत’ दी है और वह गिरगिट से भी ज्यादा तेजी से रंग बदल रही है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी ने यह भी कहा,‘‘हुर्रियत पर केंद्र का रुख परिवर्तन अयोध्या में राममंदिर को बाबरी मस्जिद कहने जैसा है।’’
शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, ‘‘हुर्रियत कांफ्रेंस अब पाकिस्तान के साथ कश्मीर के बारे में चर्चा करने जा रही है और केंद्र सरकार ने उसे यह रियायत दी है। कल कश्मीर पर मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम और लखवी के साथ बात होगी। हमने कभी नहीं सोचा था कि अखंड भारत का सपना इस तरीके से पूरा किया जाएगा। जब रंग गिरगिट से भी ज्यादा तेजी से बदले जाते है तो लोग सोच में पड़ जाते हैं कि कैसे वे (मोदी सरकार) ऐसा कर लेते हैं…… यदि कांग्रेस ने हुर्रियत और कश्मीर मुद्दों पर ऐसा किया होता तो भाजपा और संघ परिवार ने उसे पाकिस्तान का एजेंट करार दिया होता।’’
शिवसेना ने संपादकीय में कहा, ‘‘तब कांग्रेस से कहा गया होता कि वह देश को बेच रही है और मांग की गई होती कि ऐसे देशद्रोही को सत्ता से बेदखल किया जाए। कल तक ही, मोदी सरकार कह रही थी कि वह पाकिस्तान के साथ कश्मीर छोड़ सभी चीजों पर चर्चा करेगी। अब रूख बदल गया है और उसने कमजोर रूख अपना लिया है जो पिछली कांग्रेस सरकार ने भी नहीं किया। वास्तव में, देश को इस रूख परिवर्तन पर अचरज नहीं होना चाहिए। लोगों ने तब ही इस रूख परिवर्तन का संज्ञान ले लिया था जब भाजपा ने पीडीपी से हाथ मिलाया था जो (पीडीपी) पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखती है और जिसने आतंकवादियों को मजबूत बनाया है।’’
संपादकीय में लिखा है, ”कश्मीर के मुद्दे पर वर्तमान सरकार के यूटर्न ने हिंदुत्व के मुद्दे से जुड़े लोगों को चुप करा दिया है। जो लोग कश्मीर के मुद्दे को लेकर उग्र थे, वे अब चुप हो गए हैं। अफजल गुरु अब आतंकी नहीं रहा। हुर्रियत अब संघ की विचारधारा का कन्वीनर बन गई है।” बता दें कि 28 अप्रैल को विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में बताया था कि सरकार को इस बात की जानकारी थी कि हुर्रियत ‘नेता’ पाकिस्तान नेशनल डे पर उसके हाई कमिशन में मौजूद थे। उन्होंने कहा था कि चूंकि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और कथित कश्मीरी ‘नेता’ भारतीय नागरिक हैं, इसलिए उनके किसी भी देश के प्रतिनिधि से मिलने पर कोई रोक नहीं है। इससे पहले, मोदी सरकार ने जोर देकर कहा था कि वे हुर्रियत को पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करने देंगे।