राज्यों द्वारा किये जा रहे विरोध को देखते हुए CAA पर सरकार कर सकती है ऑनलाइन प्रक्रिया
नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर कई राज्यों द्वारा किये जा रहे विरोध को देखते हुए सरकार इसकी ऑनलाइन प्रक्रिया करने पर विचार कर रही है ताकि राज्यों की मनाही के बाद भी नागरिकता कानून को लागू किया जा सके। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मंत्रालय के अधिकारीयों से मिली जानकारी के आधार पर यह दावा किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जिलाधिकारी के बजाय एक नए प्राधिकार को नामित करने और आवेदन, दस्तावेजों की छानबीन साथ ही नागरिकता प्रदान करने की समूची प्रक्रिया ऑनलाइन बनाने की सोच रहे हैं।’’ अधिकारी ने कहा कि अगर यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन बन जाती है तो किसी भी स्तर पर कोई राज्य सरकार किस तरह का दखल नहीं करेगी।
इसके अलावा गृह मंत्रालय के अधिकारियों की यह राय है कि राज्य सरकारों के पास सीएए के क्रियान्वयन को खारिज करने की कोई शक्ति नहीं है क्योंकि यह अधिनियम संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के तहत बनाया गया है।
मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘संघीय सूची में शामिल किसी कानून के क्रियान्वयन से इनकार करने का राज्यों को कोई शक्ति नहीं है।’’ संघ सूची में 97 विषय हैं, जिनमें रक्षा, विदेश मामले, रेलवे, नागरिकता आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शनों के बीच केरल विधानसभा ने इस विवादास्पद कानून को वापस लेने की मांग करते हुए मंगलवार को एक प्रस्ताव पास किया। केरल विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
वहीँ कांग्रेस शासित राज्यों पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश भी नागरिकता कानून को लागू न करने की बात कह चुके हैं।
दूसरी तरफ नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में कई याचिकाएं पहुँच चुकी हैं। नागरिकता कानून को चुनौती देते हुए कुछ राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने सुप्रीमकोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं, जिन पर जल्द सुनवाई हो सकती है।