मोदी सरकार के मंत्री द्वारा गोद लिए गए गांव में ही उसका विरोध
नई दिल्ली। मोदी सरकार में मंत्री महेश शर्मा के लिए अब एक नई मुश्किल खड़ी हो गयी है। महेश शर्मा द्वारा गोद लिए गए गांव कचहैड़ा वारसाबाद में ही उनका विरोध हो रहा है और गांव के लोगों ने पोस्टर लगा दिए हैं कि अब इस गांव में बीजेपी के लोगों का आना सख्त मना है। कचहैड़ा गांव में करीब 4000 से अधिक मतदाता है।
गौतम बुद्धनगर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे डा महेश शर्मा से गांव के लोगों की नाराज़गी की कई वजहें हैं। गांव के लोगों का कहना है कि महेश शर्मा ने गांव गोद लेने के बाद इस गांव को पलटकर नहीं देखा।
ग्रामीणो की शिकायत है कि एक रीयल्टी कम्पनी में हुई हिंसा में गांव के 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन जब इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा से मदद के लिए सम्पर्क किया गया तो उन्होंने गांव के लोगों की शिकायत को न तो गंभीरता से सुना और न ही उसका पर कोई कार्यवाही की।
ग्रामीणों की तीसरी शिकायत है कि जब डा महेश शर्मा ने यह गांव गोद लिया था तो कई वादे किये गए थे। महेश शर्मा और स्थानीय बीजेपी नेताओं की तरफ से कहा गया था कि इस गांव को स्मार्ट गांव की तर्ज पर विकसित किया जाएगा और इसमें बिजली, पानी, सड़क के अलावा कई तरह की सुविधाएँ दी जाएँगी। लेकिन गांव का कोई विकास नहीं हुआ।
ग्रामीणों की यह भी शिकायत है कि मंत्री बनने के बाद महेश शर्मा से मिलना मुश्किल हो गया है। वे न तो खुद गांव में आते हैं और न ही गांव के लोगों से मिलते हैं। फिलहाल ग्रामीणों ने नाराज़गी जताते हुए गांव में एक पोस्टर लगा दिया है। जिसमे लिखा है कि बीजेपी वाले इस गांव में न आएं।