मायावती ने नहीं मानी बात, नहीं तो प्रियंका वाराणसी से ही लड़तीं चुनाव

मायावती ने नहीं मानी बात, नहीं तो प्रियंका वाराणसी से ही लड़तीं चुनाव

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार थीं और कांग्रेस ने भी उनकी उम्मीदवारी को लेकर अंतिम निर्णय ले लिया था। लेकिन जब इस बारे में बसपा सुप्रीमो मायावती से सम्पर्क साधा गया तो वे वाराणसी में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर प्रियंका गांधी के समर्थन को तैयार नहीं हुईं।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक अंतिम समय तक मायावती वाराणसी से गठबंधन प्रत्याशी उतारने की जिद्द पर अड़ी रहीं वहीँ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बात के लिए तैयार थे कि पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर किसी कद्दावर चेहरे को चुनाव लड़ाया जाए।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती की ज़िद्द को देखते हुए कांग्रेस को अपना निर्णय बदलना पड़ा और प्रियंका गांधी की जगह अजय राय को वाराणसी से उम्मीदवार घोषित किया गया।

पार्टी के विश्वस्त सूत्र ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती यह चाहती ही नहीं थीं कि पीएम मोदी के खिलाफ कोई मज़बूत उम्मीदवार मैदान में उतारा जाए। इसलिए उन्होंने पहले इस मामले को काफी दिनों तक लटका कर रखा और बाद में सपा बसपा गठबंधन का उम्मीदवार उतारने की बात कही।

इस मामले में फिल्म प्रोड्यूसर कमाल आर खान ने बसपा सुप्रीमो मायवती पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि “अगर मायावतीऔर अखिलेश याादव गठबंधन के उम्मीदवार को वाराणसी से हटाना नहीं चाहते थे तो प्रियंका गांधी को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। यह कांग्रेस का सही फैसला है और यह इस बात का प्रमाण है कि मायावती चुनाव जीतने में मोदी जी की मदद कर रही हैं, राजनीति में सब कुछ संभव है।”

वहीँ समाजवादी पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी को वाराणसी से चुनाव लड़ाने के लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपनी सहमति पहले ही दे दी थी लेकिन जब उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती से इस मामले में बात की तो वे तैयार नहीं हुईं। सूत्रों ने कहा कि गठबंधन के चलते अखिलेश यादव बसपा सुप्रीमो मायावती की मर्ज़ी के अलग नहीं जा सके।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक सपा के अधिकांश नेता इस पक्ष में थे कि वाराणसी सीट पर विपक्ष का साझा उम्मीदवार चुनाव लडे और इसके लिए प्रियंका गांधी एक सही उम्मीदवार थीं। यहाँ यह भी कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को साधने के चक्कर में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन की इच्छुक शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रोग्रेसिव समाजवादी पार्टी को तरजीह नहीं दी।

दूसरी तरफ कांग्रेस वाराणसी से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने को लेकर पूरी रिसर्च कर चुकी थी। पार्टी सूत्रों की माने तो वाराणसी को लेकर पार्टी ने दो आंतरिक सर्वे भी कराये थे। इन सर्वे में निकलकर आया कि यदि सपा- बसपा समर्थन करें तो कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर प्रियंका गांधी पीएम नरेंद्र मोदी को उनके लोकसभा क्षेत्र बांधकर रख सकती हैं।

अब माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड या अमेठी जिस सीट से इस्तीफा देंगे, उसी सीट पर प्रियंका गांधी उपचुनाव लड़ेंगी।

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TeamDigital