रिपोर्ट में खुलासा: बैंक में आपके जमा 100 रुपये में सिर्फ 30 रुपये ही हैं सुरक्षित
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में हुए कथित तौर पर घोटाले के बाद जहाँ जांच एजेंसियां इस घोटाले से जुड़े लोगों को खंगालने में जुटी हैं वहीँ इस बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपनी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है।
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में सितंबर 2017 तक बैंकों में कुल 103 लाख करोड़ रुपये जमा है जिसमें से केवल 30.50 लाख करोड़ रुपये पर ही इन्श्योर्ड है।
100 रुपये में से केवल 30 रुपया ही सुरक्षित
आरबीआई की इस रिपोर्ट के जारी हो जाने के बाद यह बात साफ हो गई है कि प्रत्येक बैंक में केवल 1 लाख रुपया ही कस्टमर्स का सुरक्षित है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपका बैंक में अकाउंट है और उसमें 100 रुपये जमा कर रखे हैं तो फिर केवल उसमें 30 रुपये ही सुरक्षित हैं। बाकी के जमा 70 रुपये डूब जाएंगे।
यह है आरबीआई का नियम
आरबीआई की तरफ से जमाकर्ताओं को उनके जमा धन पर मिलने वाले इन्श्योरेंस कवर पर कुछ नियम बनाए हैं। डिपॉजिट इन्श्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) के नाम से बने इन नियमों के अनुसार बैंकों में आपके द्वारा जमा किए गए रकम में से केवल 1 लाख रुपये का इन्श्योरेंस कवर है। यह कवर सभी तरह के खातों पर लागू है। हम आपको आरबीआई की वेबसाइट पर लिखे नियम को भी यहां दे रहे हैं।
मौजूदा समय में बैंक में रखी आपकी कुल रकम में से सिर्फ 1 लाख रुपये सुरक्षित होते हैं। इसका मतलब यह है कि कभी अगर कोई बैंक दिवालिया होता है, तो लाखों रुपये की आपकी बचत में से सिर्फ 1 लाख रुपये की डिपॉजिट सुरक्षित रहेगी। इससे ज्यादा जितनी भी राशि होगी वह रकम डूब जाएगी।
निजी,सरकारी सभी तरह की बैंकों पर लागू नियम
आरबीआई का यह नियम सभी बैंकों पर लागू है। इनमें विदेशी बैंक भी शामिल हैं, जिनको आरबीआई की तरफ से लाइसेंस मिला हुआ है। इस हिसाब से देंखे तो पीएनबी इस महाघोटाले के बाद दिवालिया होने की कगार पर खड़ी है।
अगर केंद्र सरकार अपनी तरफ से पीएनबी को भरपाई नहीं करती है, तो बैंक दिवालिया हो सकता है। हालांकि यह एक पब्लिक सेक्टर बैंक है, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार के पास है। बैंक डूबेगी या नहीं, इसकी संभावना बहुत नगण्य है क्योंकि बैंक का मालिकाना हक सरकार के पास है और सरकार ने लोगों का आश्वस्त किया है। बैंक का भी बयान आया है कि हालात नियंत्रण में है।