बीबीसी की एक गलत खबर के बाद भारत ने ऐसे जीता था 1971 का युद्ध
ब्यूरो । एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान रिटायर्ड मेजर जनरल इयान कार्डोजो ने बीबीसी की कवरेज का आभार व्यक्त करते हुए उसकी एक गलती को याद किया, जिससे भारतीय सेना को फायदा हुआ था। बीबीसी की वह गलती संख्याबल में पाकिस्तानी सेना के अधिक होते हुए भी उस पर भारी पड़ी थी।
गौरतलब है कि इयान 1971 युद्ध के हीरे थे, जिसके बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। उस वक्त कार्डोजो 5 गोरखा राइफल्स बटालियन के मेजर थे। वह 750 सैनिकों के साथ युद्ध के मैदान में थे और उनको सिलहट के पास अतग्राम में कब्जा करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
उनके पास खाने और गोलाबारूद की भारी कमी थी। इसके बावजूद वह पाकिस्तान की दो ब्रिगेड्स, एक कर्नल, 107 अधिकारियों, 219 जेसीओ और 7,000 सैनिकों का आत्मसमर्पण कराने में सफल रहे। यह युद्ध के सबसे अविश्वसनीय सफलताओं में से एक है।
यहां एक पुस्तक के विमोचन के कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज मैं इस मंच के जरिये बीबीसी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। उस वक्त बीबीसी एक मात्र विश्वसनीय प्रसारण स्टेशन था। वह उसी रूप में समाचारों को प्रसारित करता था, जैसा हुआ हो।
भारतीय सेना के पास कुछ भी छिपाने के लिए नहीं था। इसलिए ब्रिटिश वॉर करस्पॉडेंट्स हमारी सेना के साथ चल रहे थे। वह युद्ध की मिनट-दर-मिनट घटना की रिपोर्टिंग कर रहे थे। मगर, उन्होंने एक गलती कर दी। उन्होंने घोषणा कर दी कि गोरखा की ब्रिगेड सिलहट में पहुंच चुकी है।
हमने और पाकिस्तानियों ने यह खबर सुनी। इसलिए हमने फैसला किया कि हम ऐसे दिखाएंगे कि हम एक ब्रिगेड हैं। इस गलत सूचना का उपयोग करते हुए इयान की बटालियन ने छोटी जीत हासिल की और ऐसी स्थिति बना दी कि पाकिस्तानी सेना ने 15 दिसंबर 1971 को सरेंडर कर दिया।
जब तक यह नहीं हुआ था, इयान और अन्य अधिकारियों का मानना था कि उस क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना की एक ब्रिगेड मौजूद थी। मगर, यह जानकर वह चकित रह गए कि पाकिस्तानी सेना की संख्या उनकी ब्रिगेड से कहीं अधिक थी।