बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक, पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का निधन

नई दिल्ली । बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक, पूर्व सांसद, आईएफएस के पूर्व अधिकारी सैयद शहाबुद्दीन का लंबी बीमारी के बाद शनिवार सुबह निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे। सैयद शहाबुद्दीन काफी समय से बीमार चल रहे थे ।

शहाबुद्दीन सांस की बीमारी से पीड़ित थे। 18 फरवरी को सांस में लेने दिक्कत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार सुबह 5.22 मिनट पर उनका निधन हो गया।

शहाबुद्दीन के दामाद और भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, उन्हें जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान शनिवार सुबह करीब पांच बजकर 30 मिनट पर उनका निधन हो गया। उन्हें आज दिल्ली में जोहर नमाज के बाद करीब 1.30 बजे दफन किया गया।

सैयद शहाबुद्दीन को बाबरी मस्जिद विध्वंस केस के मुख्य विपक्षी के तौर पर जाना जाता है। शाह बानो केस में भी उन्होंने मुस्लमानों के पक्ष को बखूबी तौर से रखा। वे 2004 और 2007 में ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने कई मुस्लिम संस्थानों में भी अपना योगदान दिया। वह लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे।

सैयद शहाबुद्दीन का जन्म 4 नवंबर 1935 को झारखंड के रांची शहर में हुआ था। सैयद शहाबुद्दीन अपने जमाने में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के टॉपर थे. आईएफएस के रूप में उन्होंने कई देशों में भारतीय दूतावासों में सेवा दी. इसके बाद वह आईएफएस सेवा छोड़कर राजनीति में आ गए थे। वह रांची के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। 1989 में उन्होंने ‘इंसाफ पार्टी’ की स्थापना की. वह 1979 से 1996 तक तीन बार सांसद भी रहे।

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