दो ठाकरे दो मत : एक मांग रहा हिन्दू राष्ट्र, दूसरा शरीयत जैसा कानून

मुम्बई । महाराष्ट्र में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की अलग अलग पार्टियां हैं । शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में कश्मीर पर सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि ‘सेकुलरिज्म का नाटक बहुत हो चुका अब भारत को हिन्दू राष्ट्र बनायें’ वहीँ दूसरी तरफ महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे का कहना है कि बलात्कार जैसे अपराधों पर रोक के लिए देश में शरीयत जैसे कड़े कानून लागू किये जाएँ । उन्होंने यहाँ तक कहा कि रेप करने वाले के हाथ पैर तोड़ डालने चाहिए ।

यह अजीब बिडम्वना है कि हिन्दू राष्ट्र में शरीयत कानून कैसे लागू किये जा सकते हैं । शरीयत कानून तो सिर्फ उन्ही देशो में लागू हैं जो इस्लामिक हैं और जहाँ शरीयत के अनुसार फैसले होते हैं । दोनो मांगे अपने आप में गलत हैं । इस देश के संविधान के अनुसार यह देश न तो किसी धर्म विशेष के नाम पर परिवर्तित किया जा सकता है जो हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जा सके ।

वहीँ इस देश का अपना संविधान है । भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसे दुनिया के सबसे मज़बूत लोकतंत्र वाले देशो में से एक देश माना जाता है । इस देश के अपने कानून हैं । जो संविधान के अनुसार ही बनाये गए हैं । यहाँ फैसला कोई मुफ़्ती या मौलवीय नहीं देता बल्कि जजो की एक बैंच होती है । यह सब जानते हुए भी राज ठाकरे का शरीयत जैसे कानून लागू करने की बात करना उनके बयान को गैर जिम्मेदारना दर्शाता है ।

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