जम्मू कश्मीर में पोस्टपेड मोबाईल सर्विस से प्रतिबंध हटा, सोमवार से शुरू होंगी सेवाएं
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से बंद की गयीं मोबाईल सेवाएं सोमवार से शुरू हो गयीं हैं। 69 दिनों तक बंद रहने के बाद सोमवार को पोस्टपेड मोबाईल सेवाएं शुरू होगी ।
घाटी में लगभग 66 लाख मोबाइल ग्राहक हैं, जिनमें से लगभग 40 लाख ग्राहकों के पास पोस्ट-पेड सुविधाएं हैं। केंद्र द्वारा पर्यटकों के लिए घाटी खोलने की सलाह जारी करने के दो दिन बाद यह बात सामने आई है। हालांकि अभी इंटरनेट सेवाओं को शुरू करने का फैसला नहीं किया गया है।
इससे पहले घाटी में 17 अगस्त को आंशिक फिक्स्ड लाइन टेलीफोन को फिर से शुरू किया गया था, और 4 सितंबर तक लगभग 50,000 की संख्या वाली सभी लैंडलाइनों को चालू किए जाने की घोषणा की गई थी।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से मोबाईल और इंटरनेट सेवा अस्थाई तौर पर बंद कर दी गयी थी। घाटी में संचार व्यवस्था निलंबित किये जाने का मामला न सिर्फ देश में बल्कि कई अन्य देशो ने भी उठाया था।
इतना ही नहीं कश्मीर मुद्दा ब्रिटेन की संसद तक पहुँच गया। ब्रिटेन में संसद के पहले सत्र में सांसदों ने कश्मीर कश्मीर के हालात को लेकर मामला सरकार के समक्ष उठाया। ब्रिटिश सांसदों ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद मानव अधिकारों के उल्लंघन की बात सरकार के समक्ष रखी।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने संसद के पहले सत्र में कश्मीर में मानव अधिकारों के उल्लंघन मुद्दे पर कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के किसी भी आरोप की ‘‘गहन, तुरंत और पारदर्शी’’ जांच होनी चाहिए।
तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी नज़रबंद:
पांच अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को नजरबंद किया गया है। हालाँकि हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के कुछ नेताओं को पार्टी नेताओं फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती से मिलने की अनुमति दी गयी थी।